Unknown Pen   (Shh...)
141 Followers · 5 Following

read more
Joined 13 August 2018


read more
Joined 13 August 2018
22 OCT 2022 AT 10:34

के वो आयेंगे कभी हमनें भी शमा जला कर रखी है,
ना लौट जाए फिर, राहों पर नज़रें टिक्का कर रखी है,
के वक्त के पाबंद तो वो कभी ना थे,
हमने तभी सभी घड़ियां छुपा कर रखी है।

-


16 NOV 2021 AT 20:29

K vo Urdu likhai hai,
Sidhi kb smjh aayi hai,
K usse dekh dekh kitne shayaro ne nazmein banai hai,
K hum bhi bethe hai qataar mein,
Un shayaro ki nakal utaar te,
K vo Urdu likhai hai sidhi kb smjh aayi hai,
Main unke baare likhne laga toh pata chala ki khtm meri shyahi hai

-


16 NOV 2021 AT 10:17

ये राह-ए-इश्क़ पर चलना भी आसान नहीं है,
के इतना मर चुके हैं हम में बाकी जान नहीं है,
ये दर्द तो मुझे अपना हिस्सा ही लगता है,
इतनी देर तक तो रुकता कोई मेहमान नहीं है।।।

-


16 NOV 2021 AT 0:11

जो ये दूरियों के साएं आय,
हमने उम्मीदों के दीप जगाए है,
तेरी यादों की रोशनी से,
मेरे दिल के गलियारे भी जग मगाए है।।।

-


15 NOV 2021 AT 21:34

दूरियां दिलों की बेहिसाब बड़ती ही रही,
यूं तो उसके घर से मेरे घर का फासला इतना भी नहीं था।।।

-


15 NOV 2021 AT 21:04

K har martabah tumhe hi yaad krte hain,
K miloge kbhi toh aakar yhi faryad krte hain,
Kbhi tum bhi toh karo Arz batein dil ki zaba,
Hum toh roz aage aapke irshad karte hain...

-


29 JUL 2021 AT 18:01

कभी कभी हर राह ही लगती बंद हमें,
कभी कभी हम यूं ही रास्ते ढूंढ लेते हैं,
कभी कभी तो डर लगता है अंधेरे से,
कभी कभी हम यूं ही आँखें मूंद लेते हैं...

-


29 JUL 2021 AT 16:17

के फिर मरम्मत ना हुई मेरे दिल ए मकान की,
जो इक बार इश्क की बारिश से छत टपकने लगी।।।

-


3 JUN 2021 AT 11:15

तू बात सुना चंद लफ्ज़ों की, मैं कहानी कहता जाऊंगा,
तू आग बिछा कुछ लप्पटों सी, मैं पानी कहता जाऊंगा,
तू ला तो दरिया जज्बातों का, मैं उसमे बहता जाऊंगा।।।

-


3 JUN 2021 AT 11:03

यहां ज़िंदगी से हारा हर कमबख्त शायर है,
घड़ी की सूइयां करे आवाज़ ये वक़्त शायर है,
हवा की ताल पर नाचे डाल कहे के पेड़ शायर है,
शायर है रात, ये सवेर भी शायर है...

-


Fetching Unknown Pen Quotes