कुछ खत्म सा हो चुका है
दिखाई दिया नहीं था
लेकिन जख्म सा हो चुका है
बहुत सख्त दिखाई देते तो हैं
अंदर ही अंदर कुछ टुट चुका है-
unknown collab
(Unknown collab)
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Joined 20 June 2019
28 JUL 2023 AT 21:17
12 MAR 2023 AT 22:48
खाली दिवारे अब खाली ही लगती है
अब उसमें तेरी तस्वीर कहाँ दिखती है
रोज उम्मीद रहती है, आंसुओं की नदी बहती है
फिर भी पुछने तुझे कौन आएगा ?
रात मुझसे पुछती है..
-
18 JAN 2023 AT 21:35
सपने बेचना आसान है
खरीदने वाले को गुमान है
खाली हाथ जोडकर/मिलाकर
व्यापारी कमाता तमाम है-
5 NOV 2022 AT 23:09
थोडे नामुमकिन से
थोडे लाजवाब
क्या ही जान के करोगे
छोड दिजिए जनाब...-
6 OCT 2022 AT 10:01
भिक तो हमने भी मांगी
न पैसों की न धान की
अपनों ने दरवाजे बंद किये
फितरत बदली इन्सान की-
6 OCT 2022 AT 9:57
अब कोई शोर नहीं
शांत हैं आत्मा भी
खत्म सारे रिश्ते हुए
और खत्म हुआ अंदर से
इन्सान भी-
2 OCT 2022 AT 6:00
सब पुछे तुम कौन हो
मैं खुदसे पूछूँ मैं कौन हूँ
समंदर के बूंद का बूंद नहीं हूँ
तीली के अग्नि का तील नहीं हूँ
देखा ब्रह्मांड तो समझ आया है
मैं कुछ भी नहीं हूँ
मैं कुछ भी नहीं हूँ-