Unanimous   (RAPS)
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I’m not special one,
I’m just limited edition...🙃
And Tea Lover 😋☕
Joined 9 May 2022


I’m not special one,
I’m just limited edition...🙃
And Tea Lover 😋☕
Joined 9 May 2022
21 JUN AT 18:41

समझ नहीं आता कि तुझे देखूं,
या देखूं तेरी बनावट को...
नज़र हटाऊं कैसे इस 'हुस्न-ए-अदा' से,
जब हर ख़म में तेरी क़यामत सी झलक है।

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19 MAY AT 15:54

वो फ़लक भी मेरा होगा,
ये ज़मीं भी मेरी होगी ।
मेरी जद्दोजहद का कुछ यूँ असर होगा,
मेरे फ़न में भीगी आरज़ूओं की नक़्शगारी होगी ।
कामयाबी की फेहरिस्त तो जाने कितनों की बनेगी,
मेरी अखबारों में इश्तेहारों से इतर,
एक कामिल कहानी बनेगी ।

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18 MAY AT 10:38

ये शाम-ए-फ़िराक़त मिरे सर से टलती नहीं अब तक, सीने में इक ज़ख्म है तेरी याद का जो भरता नहीं अब तक।
इक टूटी हुई उम्मीद है जो जुड़ती नहीं अब तक,
तेरा वो नक़्श निगाहों से हटता नहीं अब तक।
ये आलम-ए-तन्हाई है जो बदलता नहीं अब तक,
और इस दर्द से ये जान निकलती नहीं अब तक ।

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16 MAY AT 11:15

दरिया के इस पार, तन्हा भी तो रह सकता था ।
दिल का हर ग़म करीब से भी, तो कह सकता था ।।
ये हिज्र का मौसम, थोड़ा आसान हो सकता था ।
कम से कम ये दर्द दरिया संग बह सकता था ।।

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1 JUN 2023 AT 20:54

शहर शहर की इस दौड़ में,
ये जिंदगी सूकुन खो रही है...
देखा है उदास पहले भी इसको,
पर अब ये कुछ और हो रही है...

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25 MAY 2023 AT 23:35

ये शर्म भी, क्या शर्म है !
जो तेरे इश्क में, बेशर्म है...

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21 MAY 2023 AT 11:34

हूं होश में, या...
हूं बेहोश मैं !!
चीख कर भी, अब...
हूं खामोश मैं।

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18 MAY 2023 AT 1:16

ये आम सी शाम, आज खास क्यूं है !
तू है नहीं पास, फिर तेरा एहसास क्यूं है !
क्यूं है, ये क़ल्ब में शोर इतना...
है हक़ीक़त का फ़हम इसको फिर,
हो ना रहा एहसास क्यूं है !

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18 MAY 2023 AT 0:24

ये गम छुपाने को,
मुस्कुराने का ख़्याल अच्छा है...
उन्हेें भी थी मोहब्बत ।
या, थी मोहब्बत उन्हें !!
अब खुद से, यह सवाल अच्छा है...

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4 AUG 2022 AT 14:53

किसी रोज़ हो ज़ियारत उनके,
था तब बस इतना सा खयाल मेरा...
मिले जो, तो पूछना ज़रूर शफ़ीक़,
कि... थी मोहब्बत सच में, या यूं ही...!!
है अब बस इतना सा सवाल मेरा...

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