माँ के बारे में लिखूँ ,
इतना काबिल थोड़े हूँ...
मैं तो माँ का लाडला हूं,
कोई गालिब थोड़े हूँ...-
I'm student. But when I see something awful or enjoyful then I distinguish my... read more
सम्भव है,
टूटो, बिखरो और कबाड़ हो जाओ...
पर सम्भव नहीं, तुम बेकार हो जाओ...
समेटो, जोड़ो और फिर से खड़े हो...
सम्भव है एक दिन तुम सबसे बड़े हो...-
मत सोच की तुझे खूबसूरती नहीं मिलीं...
मत सोच निरर्थक की कोई खुशी नहीं मिलीं...
तुझे जो मिला कितनों को हासिल नहीं यहां...
तू सितारा है, तुझे रौशन करना है ये जहां...
खुद पर और खुदा पर भरोसा रख, तू कोई काफिर नहीं है.....
कल जो चमकेगा सूरज सा, तू मुसाफिर वही है.....-
कद में छोटी है, पर हौसले बुलंद है...
चीटी, हाथी को मार दे,
फिर किस बात का घमण्ड है....-
जितना दोस्तों पर होता है, उतना सब पर नहीं होता,
विश्वास सबको है दोस्तों पर, बस लब पर नहीं होता.....-
लेखक, गायक, कवि, कवियत्री, कलाकार, शायर,
अभिव्यक्ति से कभी डरा नही करते....
जिन्दा रहते हैं अपने रचना, गीत, अदाकारी, नज्म में,
ये कभी मरा नहीं करते....
#नमन राहत सर-
अगर शीशा हूँ तो यूँ ही मै चूर हो जाऊँ..
अगर काटा हूँ तो सब से दूर हो जाऊँ..
मुझे तन्हा ही रहने दो मै तन्हा ही ठीक हूँ,
मुझे चाह नहीं की किसी के आंख का
नूर हो जाऊँ...-
अभी हारा नहीं हूं मैं, बस थोड़ा सा परेशान हूँ....
इस मतलबी दुनिया का एक मतलबी इन्सान हूँ....-
कोई भी हो, यहाँ हर आंख नम है...
वक्त से ही जख्म है, वक्त ही मरहम है...-
तेरा मुस्कुरा कर.
यूँ मेरी गलियों से चली जाना!
मुझसे तेरी मोहब्बत का.
फरमाइश भी करती है !
और मुझे हर रोज तेरा.
मेरी गलियों में आने की गु्ंजाइस भी रहती है!-