"आप ही मेरे सब कुछ हो" से लेकर
"तू हे कौन"
तक का सफर तय किया है।
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मुझे मत सिखाओ की
"इश्क में दर्द" क्या होता है।-
प्यार करने वाले दिन भर तो याद करते ही थे,
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अब रात के लिए कुछ दुश्मन भी बना लिए।-
हर जिद को माना हे मेने तेरी,
शायद कही तु मुझसे रूठ न जाए।
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इसलिए हारा हु अपनी हर बाजी तुझसे,
तु मेरा इश्क है, कही मेरा इश्क हार न जाए।-
मेरे सिर पर हाथ नहीं है पापा का,
घर भी चलाना पड़ता है।
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हदें तो सारी हम भी पार कर देते उसे मनाने की, पर घर की जिम्मेदारी भी निभाना पड़ता है।-
नसीब नसीब की बात है मेरे दोस्त,
कोई नफरत करके भी प्यार पाता है।
और कोई बेहिसाब प्यार करके भी,
अकेला रह जाता है।-
सौ दुश्मन बनाए हमने,
किसी ने कुछ नहीं कहा।
एक को हमसफर क्या बनाया,
सौ उंगलियां उठ गई।-
Part -3
एक दिन उसके गांव से कॉल आया कि मां कि तबियत खराब हे वो गांव चली गई थी ।
अब न उसका कॉल लग रहा था न कोई खबर हो रही थी।
लग रहा था कि हमारी खुशी में किसी कि नजर लग गई थी।
अब उससे दूरियां मुझे रोज तड़पा रही है।
उसका कॉल न लगने से दिल में छुर्रिया चल रही है।
अब काम करने का मेरा मन नहीं कर रहा था, छुट्टियां लेकर उसके गांव जाने का सिलसिला चल रहा था ।
आज ठान कर में उसके गांव रबाना हो गया
उससे मिलने कि चाहत में बेगाना हो गया।
मेरे मन में उससे मिलने कि खुशीया लहर रही थी।
देखा तो उसके घर के सामने सहनायिया बज रही थी।
उसके दरवाजे के सामने लड़किया जमकर नाच रही थी।
मेरी सांसे बंद और पेरो तले जमी खिसक रही थी।-
मेरे दिल में तेरी तस्वीरों की पुरी झांकी है,
खुशी के लिए तेरा एक ख्याब ही काफी है।-
दोस्ती कुछ इस कदर निभाएंगे की,सारा जहान हमारी दोस्ती के गीत गाएगा।
हम उस वक्त आपको संभाल लेंगे,
जहां आपका कदम दगमगाएगा।
अजी एतवार तो किजिये... 2,
इस दोस्ती में आपका दिल महक जाएगा।-
दिवाली में बसे अली, राम बसे रमजान में।
अब सब मिलकर जिलों जिंदगी।
एक दिन चले जाओगे
कब्रस्थान या शमशान में।-