नहीं खेलता मैं "देव"
ये होली....
इन रंग, गुलालो से
अरे ये लाल,गुलाबी,पीले,नीले....
ये सब रंग ...हैं बेईमानी
उतर जाते ये सब एक पल में
पड़ते ही तनीक पानी
लगा दू रंग आप को मैं
बहुत पक्का,बहुत चोखा
ना पड़े फीका कभी
ना हो कम भी कभी
प्यार का, विश्वास का
निष्ठा का ,समर्पण का।
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