2 SEP 2017 AT 9:28

कन्हैया लाल सेठिया जी को समर्पित..

चढ घोड़ी केसरिया बाना झका रण मे तपीजै..
बा वीरा रो बलिदान आपासू कदई नी भुलीजैे..

बा काळ री रात भुल्या नहीं भुलीजै..
केबासु काई व्हे भाया भूखो ध्याया पतीजै..

याद करा जद हल्दीघाटी तो म्हारो हीयो भरीजै..
ई माटी रा करया अहसान आपा सु कीया चुकीजै..

आ माटी है अणमोल ताकडी तिरथ तुलीजै..
इण री चिमठी धूळ सगळौ सुरग मुलीजै..

पण लोगा री फीरगी नीत अब बा कीया पलटीजै..
भैंस्या जीमगी जीमण ल्हारे बापड़ा पाडा कुटीजै..


- साहिब