Umang Gupta  
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Joined 29 October 2021


Joined 29 October 2021
19 SEP 2022 AT 17:43

Waqt kuch yu badal rha h
Mere jhakhmo ko bhar rha h
Purani yaado ko dafnakar
Nayi yaade likh rha h

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16 FEB 2022 AT 17:43

Waqt dikhta nhi
Lekin dikha to bahut kuch deta h

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15 FEB 2022 AT 18:24

जैसे जैसे जीना सीख ही पता हु ,
की फिर कुछ ऐसा हो जाता है ,
की जीने की सारी उम्मीद खत्म हो जाती है ।
हंसना सिख ही पाता हु की ,
अपने रुला जाते है ।
परायों से भी कैसा शिकवा ,
जब खोटा अपना ही सिक्का हो ,
हर बार उठ के भी
गिर जाता हु ।
ना जाने क्यों हर बार जीत के भी हार जात हु में।

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14 FEB 2022 AT 11:31

जिंदगी को जीने के पहलू
मुश्किलों से लड़ने के पहलू

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13 FEB 2022 AT 13:14

नई नई चीजे सिखाती है
ना जाने फिर भी हम उसे ही कोसते रहते है ।

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12 FEB 2022 AT 22:05

तो जाओ हम तुम्हारे नहीं हो सकते

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12 FEB 2022 AT 21:57

हालात दूसरो के ,
हर कोई एक जैसी तकदीर लेकर तो पैदा नहीं होता ।

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11 FEB 2022 AT 22:51

Aye zindagi
Jo kismat me hi nhi
Usse milaya na kar

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10 FEB 2022 AT 23:21

Waqt m sikha diya
Waqt ko jeena

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9 FEB 2022 AT 20:22

की मेरे बिना नहीं रहोगे

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