Waqt kuch yu badal rha h
Mere jhakhmo ko bhar rha h
Purani yaado ko dafnakar
Nayi yaade likh rha h-
Umang Gupta
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Joined 29 October 2021
19 SEP 2022 AT 17:43
15 FEB 2022 AT 18:24
जैसे जैसे जीना सीख ही पता हु ,
की फिर कुछ ऐसा हो जाता है ,
की जीने की सारी उम्मीद खत्म हो जाती है ।
हंसना सिख ही पाता हु की ,
अपने रुला जाते है ।
परायों से भी कैसा शिकवा ,
जब खोटा अपना ही सिक्का हो ,
हर बार उठ के भी
गिर जाता हु ।
ना जाने क्यों हर बार जीत के भी हार जात हु में।-