सपने सजाये,बैठे थे कब से,आँखे बिछाये,हमको खबर क्या?अब कब वो आये - Uma Vaishnav
सपने सजाये,बैठे थे कब से,आँखे बिछाये,हमको खबर क्या?अब कब वो आये
- Uma Vaishnav