शीतल शीतल है हवा, शीतलता सब ओर।
सुमन खिले हैं बाग में , आई सुन्दर भोर।।-
Uma Vaishnav
(Uma Vaishnav)
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Joined 28 February 2018
6 JUL AT 6:47
भोर काल में शांत मन, करता प्रभु को याद ।
बाकी सारे कार्य फिर, शुरु हो इसके बाद।।-
1 JUL AT 22:17
कोशिश हरदम जो करे, माने न कभी हार।
उस मानव के ही सदा, हो सपने साकार ।।-
27 JUN AT 8:18
माया के वश में पड़े, दुनिया के सब बाल।
कितनी भी कोशिश करे, कटे नहीं ये जाल। ।-
26 JUN AT 9:33
बिना इसके मानवता अधूरी है,
मिला है उनको सदा सम्मान ,
जिनके ह्रदय में कोमलता पूरी हैं।
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8 DEC 2022 AT 10:54
बड़ा ही क़ीमती है जी,
किसी और को ये खजाना देकर...
मैं खुद कंगाल नहीं होना चाहती हूं जी-
7 DEC 2022 AT 21:05
बहुत पछतावा होता है।
काश! किसी पर भरोसा ना किया होता,
तो शायद जिंदगी और भी खूबसूरत होती।
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