जब मैं ख़ाली होता हूँ।
सबसे अधिक व्यस्त होता हूँ।-
विश्व पर्यावरण दिवस
कितना अच्छा होता अग़र !
आज 'विश्व पर्यावरण दिवस'
सभी ने स्टेटस की जगह पेड़ लगाकर मनाया होता।-
रात बाक़ी है और अभी बात बाक़ी है।
कभी फ़ुरसत से तो मिलो ऐ दोस्त।
अभी तो हमने सिर्फ़ सुना है आपको।
हमारी तरफ़ से तो पूरी मुलाक़ात बाक़ी है।-
मीठा बाँस
एक गाँव में लालमन किसान रहता था। उसके पास एक बहुत बड़ा खेत था। उसने अपने खेत में गन्ने की फसल लगायी थी। उसी गाँव में वीरू और उसके दादाजी भी रहते थे। एक दिन वीरू अपने दादाजी के साथ खेत पर घूमने गया। गन्ने के खेत को देखकर वीरू बोला-दादाजी देखो खेत में कितने सारे बाँस हैं। गन्ने को बाँस कहते देख दादाजी को हँसी आ गयी। वीरू बोला-आप क्यों हँस रहे हो दादाजी। कुछ नही बेटा इतना बड़ा बाँस का खेत देखकर हँसी आ गयी-दादाजी ने जवाब दिया। फिर दादाजी ने एक गन्ना तोड़कर वीरू को खाने को दिया। वीरू बोला-क्या बात करते हो दादाजी बाँस खाने की चीज थोड़ी है। मैंने तो कभी नही सुना इसको खाते हैं। आज खाकर देखो मज़ा आ जाएगा-दादाजी बोले। वीरू ने खाकर देखा और बोला वाह दादाजी ये तो बहुत मीठा और रसीला है। ऐसा लगता है- यह बाँस नही, कोई खाने की चीज़ है। यह बाँस की तरह दिखती है। दादाजी बोले-सही कहा बेटा यह खाने की चीज़ ही है। इसको गन्ना कहते हैं। इससे ही चीनी और गुड़ बनता है। अच्छा! तो ऐसा है, ये मीठा बाँस तो बहुत काम का है। वीरू ने हँसते हुए जबाव दिया।-
Sometimes this happens too.
That you are disappointed with...
Your own decision.-
'हवा' की अपनी क्या फ़ितरत है
धीमें-धीमें चले तो सुला देती है
जो तेज़ चले तो उड़ा देती है-
ऐ ख़ुदा तू रोक ले तेरे बादलों को
मेरा यार नहीं हँस रहा है
अब बारिश रोकी जाए....
लोगों के घरों में घुस रहा पानी
अब बारिश रोकी जाए....-