तुम्हारे होंठ मुझे तुम्हारी और आकर्षित करते है,आउंगा किसी दिन और चूम जाउंगा
ना वक्त को पता होगा ना जज्बात को
पता होगा तो सिर्फ तुमको और केवल मुझको।।-
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तुमसे बिछड़ना
फिर वापस मिलना
लगता है जैसे किस्मत भी
हारने लगा है खुद के खेल में...
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नि:स्वार्थ प्रेम
कुछ इस कदर प्रेम हो गया है तुमसे
कि जीवन धन्य हो गया है।।
बताना चाहते भी हैं फिर याद आता है
उस के बाद का परिणाम
फिर ये जिह्वा नि:शब्द हो जाती है
पर कोई बात नहीं ये प्रेम हमेशा रहेगा
जिस प्रकार सूरज पृथ्वी से करता है नि:स्वार्थ प्रेम ।।-
आज दिदार कुछ तेरे ईश्क सा किया हमने,बरसों बित गये थे पर दिल को सुकून आज मिला
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नि:स्वार्थ प्रेम
कुछ इस कदर प्रेम हो गया है तुमसे
कि जीवन धन्य हो गया है।।
बताना चाहते भी हैं फिर याद आता है
उस के बाद का परिणाम
फिर ये जिह्वा नि:शब्द हो जाती है
पर कोई बात नहीं ये प्रेम हमेशा रहेगा
जिस प्रकार सूरज पृथ्वी से करता है नि:स्वार्थ प्रेम ।।-
कुछ यादों की कश्तियों में चल पडा हूँ जिन्दगी के अंतिम मोड के लिए पता नहीं
कहाँ तक के सफर में कश्ति डूब जाएगी मेरी-
Baat itni si hai tumko humari soorat pasand aayi
aur
humko tumhari sirat-
सुनो पंडिताईन प्रिये,
अगर कभी ना लगे अच्छा मेरा साथ
या पसन्द आने ना लगे मेरी कोई बात ।
और आये कभी मुझे छोडने के ख्याल
बस अपना समझलेना तब और एक बार
कह देना जो है हाल-ए-दिल
खुशी-खुशी अपनी खुशी को छोड देंगे
तेरी खुशी के लिए लाखों बार अपना
दिल तोड़ना पडे तो भी तोड लेंगे 💔💔
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मेरी मंजिल और तेरा ख्वाब आज दोनो साथ है
फिर भी कुछ अधूरा सा लगता है जिन्दगी में ।।-