दर्द की इन्तहा होगीभावों का सैलाब होगा पर साथियों ज़ुबां मूक और कलम ख़ामोश रहेगी -
दर्द की इन्तहा होगीभावों का सैलाब होगा पर साथियों ज़ुबां मूक और कलम ख़ामोश रहेगी
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दूर एक किनारा हैमझधार में फंसी कश्तीउस पार लेके जाना है -
दूर एक किनारा हैमझधार में फंसी कश्तीउस पार लेके जाना है
दूर एक किनारा हैसाहिल पे खड़ी कश्ती पतवार उठाना है -
दूर एक किनारा हैसाहिल पे खड़ी कश्ती पतवार उठाना है
बेशुमार उलझनेमिलकर सुलझाएंदूर कर फासले -
बेशुमार उलझनेमिलकर सुलझाएंदूर कर फासले
साध कर निशानाहर तीर आजमानाघायल पंखों सेछूना आसमांहमको आजमाना -
साध कर निशानाहर तीर आजमानाघायल पंखों सेछूना आसमांहमको आजमाना
इरादे बदल कर कुछ मन - आंगन सूना पड़ा एक दिया जला देते तुम -
इरादे बदल कर कुछ मन - आंगन सूना पड़ा एक दिया जला देते तुम
गहरी दोस्ती थी हमारी रातों सेगुज़र जाती थी संग ख्वाबों केहालात ने बदला ऐसा मंज़र नींद रुसवा हुई हमारी आंखों से -
गहरी दोस्ती थी हमारी रातों सेगुज़र जाती थी संग ख्वाबों केहालात ने बदला ऐसा मंज़र नींद रुसवा हुई हमारी आंखों से
समष्टि में तय करता कौन सबका नियंता एक वही वक्त संग तय करता मौन -
समष्टि में तय करता कौन सबका नियंता एक वही वक्त संग तय करता मौन
तन्हाई के इस आलम मेंगिले शिकवे करके उनसे दिल हल्का कर लेते हैं -
तन्हाई के इस आलम मेंगिले शिकवे करके उनसे दिल हल्का कर लेते हैं