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आईने से छुपकर फिरा करते थे , उसने दिखाकर सच्चाई दिखा दी।
फैला जब अज्ञानता के अंधकार का साया
ज्ञान का प्रकाश लेकर शिक्षक तब आया-
"ज्ञान का भंडार शिक्षक
चाहता है कल्याण शिक्षक
प्रकृति का वरदान शिक्षक
ईश्वर से महान शिक्षक"
"कोशिश करता है वह
सभी को श्रेष्ठ बनाने की
निरंतर प्रयास करता है
जीवन सबका सवारने की"
"सभी को है समझता
सभी को है पहचानता
वह शिक्षक है
सभी को है जानता"
"शिक्षा की बदौलत
खुशहाल है चमन
पूजनीय हर शिक्षक हैं
उन्हें शत शत नमन"-
"मां से होती शिक्षा की शुरुआत,
जो जीवन पर्यंत चलती जाती है
जीवन के हर मोड़ पर नए शिक्षक आते हैं,
समय पर जिंदगी भी कई सीख सिखाती है"
"अच्छाई करने पर प्यार दिखाते
गलती पर डांट भी लगाते हैं
अच्छाई-बुराई का बोध कराते
शिक्षा और दीक्षा दोनों वे सिखाते हैं"
"ना भेद-भाव,ना द्वेष-प्रेम,ना कोई अभिमान
शिक्षक की नजरों में तो सभी हैं समान
आजीवन करते हैं वे शिक्षा का दान
सबका कल्याण चाहता शिक्षक है महान"
"शिक्षा की बदौलत खुशहाल है चमन
पूजनीय हर शिक्षक हैं उन्हें शत-शत नमन"-
"बुढ़ापा"
"उम्र के उस दौर ने
उन्हें अकेला कर दिया
सुनाने वाले बहुत हैं, मगर
सुनने वाला कोई नहीं यहां,,,,-
जिन बहनों का नहीं है कोई भाई
उनके आगे हाजिर है मेरी कलाई
करोड़ों क्षण बाद यह खुशी है आई
आप सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई-
दुख की बदरी उजली काया
आज तक कोई समझ ना पाया
जीवन तो है खेल निराला
रचता जिसे है ऊपरवाला
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