झूठे वादे सारे तेरे तुझे ही अब मुबारक हो
जान चली जाए लेकिन मोहब्बत ना अब दोबारा हो— % &-
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कुछ गलती तो हमारी भी रही होगी
या फिर उसकी कोई मजबूरी रही होगी
दिन गुजारा है हमने रोते रोते
रात उसकी भी कहाँ आसान रही होगी
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होता जो इश्क़ तुझे तो ये नोमत् नहीं आती
तेरे मेरे बीच मैं किसी तीसरे की बात नहीं आती
हर रोज़ तेरी सोच मैं गुजरता है दिन मेरा
अब ये कैसे बोले की तेरी याद नहीं आती-
हर रिश्ते का हर एक रंग जानता हूँ
इसलिए खुदको ही खुद का दोस्त मानता हूँ-
वो खुदको बेहतर बनाने में लग गया
यानी कुछ नया बनाने में लग गया
घूमता-फिरता रहा हर गली में
वो सुकून की तलाश में लग गया
वक़्त कहाँ मिला मोहब्बत का हमको
समय सारा ज़िंदगी में लग गया
जब से टुटा दिल प्यार में तब से
उज्ज्वल शायरी में लग गया-
अब क्या सुधारोगे तुम मुझे
ये आदत पहले से खराब है
पहले हाथो मैं तेरा दिया गुलाब था
अब इन हाथो मैं शराब है
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होकर तुझसे जुदा ये दुःख काट रहा हूँ में
अपने गम अकेले काट रहा हूँ में
ये सब वफ़ा करने के नतीजें है
जो तेरे हिस्से की सज़ा काट रहा हूँ में
दिल पर चलते है कंजर रोज़ कई
हर रात तेरी याद मैं काट रहा हूँ में
उज्ज्वल को अब मोहब्बत नहीं तुमसे
लिख कर ये पूरी बात काट रहा हूँ में
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मोहब्बत में धोखा सबको मिला
किसीको वफ़ा मिले तो बताना
रूह तक कि तलाशी लेलो मेरी
कोई उसके सिवा मिले तो बताना
खुशियां कुर्बान कर सकते है उसकी एक हसीं पर
कोई ऐसा कर सके तो बताना
लोग बहुत गुजरते होंगे तेरे शहर से
मुसाफिर कोई हमसा मिले तो बताना
लिखते है बहुत से लोग जज़्बात अपने दिल के
कोई उज्ज्वल सा लिख सके तो बताना-
पुराने सारे ख्वाब लेकर
बीते पलों की याद लेकर
एक और साल बीत जाएगा
जोड़कर कुछ रिश्ते नए
पुराने सब तोड़ जाएगा
एक और साल बीत जाएगा
देकर जिन्दगी की सीख नई
दिल मैं अपने निशान छोड़ जाएगा
एक और साल बीत जाएगा
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बहुत कुछ अनकहा रह गया
किस्सा मोहब्बत का अधूरा रह गया
जिसे अपनी हक़ीक़त् समझा था हमने
वो सिर्फ एक ख्वाब बनकर रह गया-