भले दो दफा मना कर दिया उसने
तीसरी बार पुछने से ना तौबा है,
ये जिस्म का घमंड नहीं
रूह का रूतबा है।-
मैं उसका "और बताओ"
होना चाहता हूं,
बस वो मेरी "पता है आज क्या हुआ"
बनने को राज़ी हो जाए।-
किसी सूने ललाट पर
बिंदी जैसी तुम,
इस अंग्रेज़ी के जमाने में
हिंदी जैसी तुम।-
डर का मेरे मन पर
हमला करना और हार जाना
दैनिक है
वो क्या है ना,
शख्सियत ही अपनी
सैनिक है।-
उस दिन से मैं
इस दुनिया का न रहा
जबसे ठहर कर
खुद को भागते देखा।-
चांद को गलने से बचा लिया
और हलाहल को कंठ में पचा लिया,
अमर हो कर भी विवाह,
मरणधर्मा से रचा लिया
भले 108 बार मरी हो सती,
पर शिव ने हर बार उन्ही हाथों को थामा और
सनातन के सिंदुर की महिमा बता दिया,
तभी तो ऋषियों ने
"सदा वसंतम ह्रदयार विंदे भवम भवानी
सहित नमामि" गा कर मोक्ष का द्वार पा लिया।।
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Mushkil b tum ho
hal b tum ho...
hoti h jo
dil me woh hulchul b tum ho
- PANKAJ VERMA-
जुदाई सहने की आदत हो गई है
गम न कहने की आदत हो गई है।
हो के जुदा लिया यार ने जीने का वादा
आँसू पीने की अब आदत हो गई है।।-
ये दुराचारी है
भीड़ कहती है
इसे पत्थर मारो
इंसाफ हो,
यीशु का वचन है
पहला पत्थर वही उठाए
जिसका दामन साफ हो।-
नवजात के देह में
एक चंचल परिंदा रहता है।
हँसना तो कभी कभी
रोने से ही जिंदा रहता है।।-