उमा दारु जोषित की नाईं ।
सबहिं नचावत रामु गोसाईं ।।

शिव जी कहते हैं कि - हे उमा !
स्वामी श्री राम जी सबको कठपुतली की तरह नचाते हैं।

जैसे चुम्बक के प्रभाव से लोहा चलायमान हों जाता है।

- उदय प्रताप जनार्दन सिंह