उदय प्रताप सिंह   (उदय प्रताप जनार्दन सिंह)
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ग्राम व पोस्ट- मदारभारी, जिला - अम्बेडकर नगर, उत्तर प्रदेश
Joined 23 January 2018


ग्राम व पोस्ट- मदारभारी, जिला - अम्बेडकर नगर, उत्तर प्रदेश
Joined 23 January 2018

🏵️ मिथिला महिमा 🏵️
मिथिला क्षेत्र ( तिरहुत) के उत्तर में- हिमालय, दक्षिण में- गंगाजी, पूरब में - कौशिकी या कोसी, और पश्चिम में - गंडकी नदी बहती हैं।
🌹अति प्यारोऽऽऽ जनकपुर धाऽऽम ! धरणि कोऽऽ टीको‌ है !२
ज्ञान प्रेमकोऽऽऽऽ! अद्भुतऽ संगमऽऽऽऽ!२
मंथन होतऽऽऽ सततऽ निगऽमाऽऽगमऽऽऽ!२
👉 मुनि जनऽ मनऽ विश्राऽऽम ! धरणि कोऽऽ टीको‌ है !२
🌹अति प्यारोऽऽऽ जनकपुर धाऽऽम ! धरणि कोऽऽ टीको‌ है !२

जहँ प्रगटींऽऽ श्रीऽऽऽऽ! जनक नन्दिनीऽऽऽऽ!२
प्रणतऽ जननऽ हितऽऽऽ, भवऽ निकन्दिनीऽऽऽ!२
👉 पूरन जन-मन काऽऽम ! धरणि कोऽऽ टीको‌ है !२
🌹अति प्यारोऽऽऽ जनकपुर धाऽऽम ! धरणि कोऽऽ टीको‌ है !२

जहाँ नृप जनकऽऽऽ धनुष प्रणऽ ठान्योऽऽऽऽऽ!२
जहाँ मुनि कौशिकऽऽ! कोऽऽ मन मान्योऽऽऽऽ!२
👉जहाँ रमि गये लछिमन राम ! धरणि कोऽऽ टीको‌ है !२
🌹अति प्यारोऽऽऽ जनकपुर धाऽऽम ! धरणि कोऽऽ टीको‌ है !२

दरशन हितऽऽ, लछिमन मन लोलेऽऽऽऽ!२
गली गली जहाँऽऽऽ, रघुबरऽ डोलेऽऽऽऽ!२
लखन हृदय लालसा बिषेखी !२ जाइ जनकपुर आइअ देखीऽऽऽ!२ प्रभु भय बहुरि०
👉ऐसो मनोऽऽभिराम ! धरणि कोऽऽ टीको‌ है !२
🌹अति प्यारोऽऽऽ जनकपुर धाऽऽम ! धरणि कोऽऽ टीको‌ है !२
संकलन: उदय प्रताप जनार्दन सिंह

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🏵️ व्रजरसिक नारायणस्वामीजी के शिष्य 🏵️
🏵️ हरिजनजी द्वारा रचित यह भाउक गीत 🏵️
🙏मालिन का फूल तोड़ते हुए सुकोमल रामजी के प्रति उद्गार --
ऐ रेऽऽ सुमनऽ तेरीऽऽऽ,पाँऽखुड़ीऽऽ कहींऽऽ! लालनको, गड़ऽमतऽ जाऽऽ!२
आज सुमन निजऽऽऽ, करनऽ उताऽऽरतऽऽऽ!२
👉अँगुरी मृदुलऽऽ नवेऽऽलीऽऽ रीऽऽऽऽऽ! छाले ! पड़ मत जाऽऽऽऽऽ!२
ऐ रे सुमनऽ तेरीऽऽऽ,पाँऽखुड़ीऽऽऽ कहींऽऽ!
लालनको गड़ऽमत जाऽऽऽऽऽऽ!२

उचकि-उचकिऽऽ पकड़हिं द्रुमऽ डाऽऽरिनऽऽऽऽऽ!२
👉नरमी कलइया सजीऽऽलीऽऽ रीऽऽ! "काहूडालीसे" रगड़ मत जाऽऽऽ!२
ऐ रे सुमनऽ तेरीऽऽऽ,पाँऽखुड़ीऽऽऽ कहींऽऽ!
लालनको गड़ऽमत जाऽऽऽऽऽऽ!२

हरिजनऽ लताऽऽऽ, कपोऽऽलनऽ परऽसतऽऽऽऽ!२
👉तहँअलकें घुघुरारीऽऽ *लतासेऽऽकहींऽऽऽ!* लड़ मत जाऽऽऽऽऽ!२
ऐ रे सुमनऽ तेरीऽऽऽ,पाँऽखुड़ीऽऽऽ कहींऽऽ! लालनको०
संकलन: उदय प्रताप जनार्दन सिंह
मोबाइल नंबर 70 21 32 84 02

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🏵️ सियाअनुज नारायण दास भक्तमालीजी 🏵️

बिगड़ल जनम जनम के सुधरल, जिन्दगनियाँऽ लगनियाँ जिनकी रामसे लगीऽऽ!२
बिगरल राजा इन्द्रद्युम्न के, हाथी के तन पउलेऽऽऽ!२
जलमे डूबै लगले तब, नारायण के गोहरउलेऽऽऽऽऽ!२
👉प्रभुजी मगरमारि !२ गज लइ लिहले शरनियाँऽ! लगनियाँ जिनकी रामसे लगीऽ!
बिगड़ल जनम जनम के०

बिगड़ल जन्म अजामिल के जब, दूत लियावै अइलेऽऽऽऽ!२
सुतहित नारायण उच्चारत, बाल-बाल बचि गइलेऽऽऽऽऽ!२
👉भइले भगत भजन करिऽ!२ छूटल भवबंधनियाँऽ! लगनियाँ जिनकी रामसे०
बिगड़ल जनम जनम के०

कुलवन्ती जीवन्ती गणिका होके जनम बिगड़लीं ऽऽऽ!२
सुगा पढ़ावत रामनाम लै, भवसागर से तरलींऽऽऽ!२
👉जगमे जाहिर जिनकीऽ!२ जन-जन में कहनियाँऽ! लगनियाँ जिनकी रामसे०
बिगड़ल जनम जनम के०
संकलन: उदय प्रताप जनार्दन सिंह

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🏵️ सियाअनुज नारायण दास भक्तमालीजी 🏵️

बिगड़ल जनम जनम के सुधरल, जिन्दगनियाँऽ लगनियाँ जिनकी रामसे लगीऽऽ!२
बिगरल राजा इन्द्रद्युम्न के, हाथी के तन पउलेऽऽऽ!२
जलमे डूबै लगले तब, नारायण के गोहरउलेऽऽऽऽऽ!२
👉प्रभुजी मगरमारि !२ गज लइ लिहले शरनियाँऽ! लगनियाँ जिनकी रामसे लगीऽ!
बिगड़ल जनम जनम के०

बिगड़ल जन्म अजामिल के जब, दूत लियावै अइलेऽऽऽऽ!२
सुतहित नारायण उच्चारत, बाल-बाल बचि गइलेऽऽऽऽऽ!२
👉भइले भगत भजन करिऽ!२ छूटल भवबंधनियाँऽ! लगनियाँ जिनकी रामसे०
बिगड़ल जनम जनम के०

कुलवन्ती जीवन्ती गणिका होके जनम बिगड़लीं ऽऽऽ!२
सुगा पढ़ावत रामनाम लै, भवसागर से तरलींऽऽऽ!२
👉जगमे जाहिर जिनकीऽ!२ जन-जन में कहनियाँऽ! लगनियाँ जिनकी रामसे०
बिगड़ल जनम जनम के०
संकलन: उदय प्रताप जनार्दन सिंह

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🏵️ श्रीरामजी की जनकपुर में होरी 🏵️
होरीमें आए ससुरारीऽऽऽ! किशोरीजूके साऽऽजनवाँऽऽऽऽ!२
हिलमिल घेरिलयीं सब सखियाँऽऽऽऽ!
👉लीन्हेंऽऽऽ मुकुटऽ उतारीऽऽऽऽऽ! किशोरीजूके साजनवाँऽऽऽऽऽ!२
होरीमें आए ससुरारीऽऽऽ!
कटि लहँगाऽऽऽ, उर अँगिया पहिराय केऽऽऽ!२
👉सिर पे ओढ़ाय दिये साड़ीऽऽ! किशोरीजूके साऽऽजनवाँऽऽऽऽ!२
होरीमें आए ससुरारीऽऽऽ!
बिन्दी भालऽऽ, नयनमें अँजनऽऽऽऽ!२
👉नाकमें बुलाक नथ भारीऽऽऽ! किशोरीजूके साऽऽजनवाँऽऽऽऽ!२
होरीमें आए ससुरारीऽऽऽ!
सरहज और सालीके, चक्कर में आयकेऽऽऽ!२
👉बनि गएऽऽऽ, नर से, नारीऽऽऽ! किशोरीजूके साऽऽजनवाँऽऽऽऽ!२
होरीमें आए ससुरारीऽऽऽ!
पद्मपुराण के अनुसार--
लक्ष्मी निधि भइयासंग, गाँठ जोड़वायेऽऽऽ!२
👉पटका और चुनरीऽऽ! किनारीऽऽ! किशोरीजूके साऽऽजनवाँऽऽऽऽ!२
होरीमें आए ससुरारीऽऽऽ!
नेहनिधि कहें, अपने लक्ष्मीनिधि भइया सेऽऽऽ!२
👉दुलहिन तो मिली, लेकिन कारीऽऽ! किशोरीजूके साऽऽजनवाँऽऽऽऽ!२
होरीमें आए ससुरारीऽऽऽ!
संकलन: उदय प्रताप जनार्दन सिंह

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🏵️सीताजी की पुष्पवाटिका में मालीजनोंका श्रीरामजीसे विनोद वार्ता 🏵️

🌹चमन की सैऽऽऽरऽ का था नाऽऽऽमऽ, फूलों काऽऽऽ,बहानाऽऽ थाऽऽऽ!२
👉असल में लक्ष्य तोऽ मेरिऽऽ,जाऽऽऽनकी काऽऽ दर्शनऽ पाना थाऽऽऽ!२

🌹हजारों बाटिका रमणीय हैं प्रभु, इस जनकपुर मेंऽऽऽ!२
👉सभी को छोड़ क्या सरकार, इसी बगिया में आना थाऽऽऽ!२

🌹न पूँछा कुछ किसी से, खुद-ब-खुद सीधे चले आएऽऽऽ!२
👉तुम्हें मालूम है सरकार की येऽऽ, गुलशन जनाना थाऽऽऽ!२

🏵️ प्रश्न:-इस जनानी बाटिका में, आप अपने को औरत या मर्द समझते हैं ?
इतना सुनना था कि- रामजी हँस पड़े !
👉अरे ! खिलगइली, खिलगइली खिलऽ गइली! रघुवरके बत्तीसी, खिलऽ गइली !
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
कइसे तुरबऽ रउवा फूऽऽऽलऽ! धनुधारीजीऽऽऽ!२ कइसे तुरबऽ रउवा फूऽऽऽलऽ!
🌹सुनीला के पत्थर से नारी होइ जाले !२
👉परतैऽऽऽ! चरनियाँ के धूऽऽल धनुधारीजीऽऽ! कइसे तुरबऽ रउवा फूऽऽऽलऽ!

🌹होखेला संदेह राउर, हथवाऽऽ लगेऽऽ कहींऽऽ!२
👉उड़े जनि गछियोऽऽ समूल धनुधारीजीऽऽ, कइसे तुरबऽ रउवा फूऽऽऽलऽ!
संकलन: उदय प्रताप जनार्दन सिंह
मोबाइल नंबर 7021328402

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🏵️ श्रीरामजी विवाह में सिन्दूरदान गीत 🏵️

पहलीऽऽऽ भाँवरि हेऽऽऽऽऽऽ! तऊ बेटी बाऽऽऽऽऽप कीऽऽऽऽ!२
दुसरीऽऽऽऽऽ भाँवरि हेऽऽऽऽऽ! तऊ बेटी बाऽऽऽऽऽप कीऽऽऽऽ!२

तिसरीऽऽऽऽऽ भाँवरि हेऽऽऽऽ! तऊ बेटीऽऽ बाऽऽऽऽऽप कीऽऽऽऽ!२
चउथीऽऽऽऽऽ भाँवरि हेऽऽऽऽऽऽऽ! तऊ बेटीऽऽ बाऽऽऽऽप कीऽऽऽऽ!२

पचवींऽऽऽऽऽऽ भाँवरि हेऽऽऽऽऽऽ! तऊ बेटीऽऽ बाऽऽऽऽप कीऽऽऽऽ!२
जबतक छठवींऽऽ भाँवरि हेऽऽऽऽऽऽ!२ तबतक बेटीऽऽ बाऽऽऽऽप कीऽऽ!२

अब सतवींऽऽऽऽभाँवरि हेऽऽऽऽऽऽऽऽ! अबऽ सियाऽऽ + राऽऽऽम कीऽऽऽऽऽ!२
एऽऽहऽऽऽऽऽऽऽ!
प्रमुदित मुनिन्ह भावँरीं फेऽऽऽऽऽरींऽऽऽ! नेगसहित सब रीति निवेऽऽऽरींऽऽऽ!
राम सीय सिर सेंदुर देऽऽऽहींऽऽऽ! सोभा कहि न जात बिधि केऽऽऽहींऽऽऽ!

भावार्थ:-मुनियों ने भाँवरें फिराईं और नेग सहित सब रीतियों को-
पूरा किया। रामजी सीताजी के सिर में सिंदूर दे रहे हैं--
यह शोभा किसी प्रकार भी कही नहीं जाती
संकलन: उदय प्रताप जनार्दन सिंह

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🏵️ श्रीराम जन्म का गीत 🏵️
जायो कौशल्या जी लल्ला ! मोहल्ला में हल्ला सो मच गयो !!

परमानन्द मगन राजा दशरथ,
👉धाए महलको उतल्ला, मोहल्ला में०

तीनि महारानिन के भये चारि चन्दा!२
👉छायो त्रिलोक उजियल्ला, मोहल्ला में ०

राजाजी लुटावै, हाथी और घोड़ा !२
👉रतन जवाहर के गल्ला, मोहल्ला में ०

रानी जू लुटावैं, हार कण्ठा कंगनवाँऽऽऽ !२
👉मणिकी मुँदरिया और छल्ला, मोहल्ला में ०

चहल-पहल हाट जोहते गलिन मेंऽऽऽ!२
👉कोठा अँटारी, और अँटल्ला, मोहल्ला में ०

भक्तन के घर-घर बधइया बजत हैऽऽऽ!२
👉रावणका निकला दिवल्ला, मोहल्ला में हल्ला सो मच गयो !
संकलन: उदय प्रताप जनार्दन सिंह

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🏵️ वरमाला विवाह गीत🏵️

आईं सियाजी, संग लेके सहेली
वरमालाऽऽऽऽ! पहिराऽऽय चलींऽऽ!२
भजो दशरथ नंदन जनकलली

लीजै पहिरि जयमालाऽऽऽ! सुनहु दशरथ जी के लालाऽऽऽ!२
सिय सन्मुखऽऽ निजऽऽऽ, शीश झुकाऽऽवहुऽऽऽ!२
लखि सखि होवै निहाऽलाऽऽऽ!सुनहु दशरथ जी के लालाऽऽऽ!२

तोरेउ धनुष तोऽऽऽ, झुकनोऽऽऽ पड़ेऽगोऽऽऽऽ!२
👉पड़ा सखियन संग पालाऽऽऽ! सुनहु दशरथ जी के लालाऽऽऽ!२
लीजै पहिरि जयमालाऽऽऽ!

पूजत गौऽऽरिऽऽ! मनाऽऽवत शंकरऽऽऽ!२
👉बर पायोऽऽऽ! रघुनाऽऽथ बलीऽऽऽ!२
भजो दशरथ नंदन जनकललीऽऽऽ!२
लीजै पहिरि जयमालाऽऽऽ!
संकलन: उदय प्रताप जनार्दन सिंह

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🏵️ बिना दूल्हे की बारात - रामजी की 🏵️

देखी ना ऐसीऽऽऽ, बारात जीऽऽऽ! जैसी रघुबर तुम्हारीऽऽऽऽ!२
चली बराऽऽतऽ, देऽऽश कोशल सेऽऽऽ!२
👉जनकनगर को जाऽऽत जीऽऽऽ! मग लोगऽ निहाऽऽऽरीऽऽऽ!२
देखी ना ऐसीऽऽऽ, बारात जीऽऽऽ!

पूछैं लोगऽऽ! कहाँऽऽऽ हैंऽऽ दुलहाऽऽऽऽ!२
👉अब तो सुनि-सुनि के अवधीऽऽ, लजाऽऽत जीऽऽऽ!
जातऽ हियेऽऽ में बिचारीऽऽऽ!२
देखी ना ऐसीऽऽऽ, बारात जीऽऽऽ!

पहले से वरऽऽऽ, ससुरारी में बैठेऽऽऽ!२
👉सुनि सब हँसतऽ ठठातऽ जीऽऽऽ! दै दै कर तारीऽऽऽ!२
देखी ना ऐसीऽऽऽ, बारात जीऽऽऽ!

एक रथ ऊपरऽऽऽऽ! बैठे दश रथऽऽऽऽ!२
👉बंश भगीरथ जात जीऽऽऽऽऽ! सुनि जाऊँ बलिहारीऽऽऽऽ!२
संकलन: उदय प्रताप जनार्दन सिंह

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