** स्वामी राजेश्वरानंद जी **
!:::::::::::::::::::::::::::::::::::!
सुख पाता रहा जो सदा जग में ।
उसे आखिर में दुःख पाना पड़ा ।।
पछताया नहीं जो कभी भी कहीं ।
उसे अंत समय पछताना पड़ा ।।
कोई फूल न बाग में ऐसा खिला ।
खिलके न जिसे मुरझाना पड़ा ।।
बिधि का यह अटल बिधान रहा ।
जिसे आना पड़ा, उसे जाना पड़ा ।।- उदय प्रताप जनार्दन सिंह
10 JAN 2019 AT 23:59