** मानस चिंतन **
फूलहिं फरहिं न बेंत ।
जदपि सुधा बरसहिं जलद ।।
मूरख हृदय न चेत ।
जो गुरु मिलहिं बिरंचि सम ।।- उदय प्रताप जनार्दन सिंह
18 JUN 2018 AT 11:12
** मानस चिंतन **
फूलहिं फरहिं न बेंत ।
जदपि सुधा बरसहिं जलद ।।
मूरख हृदय न चेत ।
जो गुरु मिलहिं बिरंचि सम ।।- उदय प्रताप जनार्दन सिंह