अभी शीशा हूँ, सबकी आँखों में चुभता हूं..!जब आईना बनूँगा, सारा जहाँ देखेगा...!! - उद्देश्य
अभी शीशा हूँ, सबकी आँखों में चुभता हूं..!जब आईना बनूँगा, सारा जहाँ देखेगा...!!
- उद्देश्य