Uddesh Shendare   (Uddesh)
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Joined 28 December 2017


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Joined 28 December 2017
22 JUN AT 10:37

अपनी कलम के बहाने लिख रहा हूं,
मैं आजकल गुजरे फ़साने लिख रहा हूं।

वो दौर, जब मुलाक़ातें बेमौसम सी लगती थीं,
और बातें, जैसे शाम की चाय बन जाती थीं।

माथे पर सादगी की बिंदी, मुस्कान में हल्की सी रौशनी,
नज़रों में जैसे कुछ अनकहा ठहर सा गया था कहीं।

अब उन लम्हों को फिर से सजाने लिख रहा हूं,
मैं आजकल वो बीते ज़माने लिख रहा हूं...

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29 MAY AT 19:18

Fir kya tha
Kho diya meine woh shaks
Jo mujhe mujhse bhi pyaara tha
Rula diya usse jo meri annkhon ka tara tha
Kash dil se maaf kar sake woh kabhi mujhe
Jiske dil ko meine apne hatho se mara tha...

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23 APR AT 10:33

हिंद का हिंदू हार गया,
जब वो धर्म पूछ के मार गया।

तुम पढ़े लिखे जब कहते थे, इस देश में धर्म का क्या करना?
फिर उस अनपढ़ ने क्यूं बोला तुम हिन्दू हो तो तुम्हे है मरना?

कहां गए वो चार चंदू, जो लम्बी बातें करते थे,
हिंदू को गुंडा कहते, और भगवा से डरते थे,
है मजाल कि तुम अब कह दो कुछ भी इतनों के मरने पर,
है देखा अब तक कैसे तुम राम के नाम पे मरते थे।।

तुम कट्टर नहीं तो कट रहे हो,
और जात पात में बंट रहे हो,
कुछ करने की औकात नहीं,
और बोलने से भी हट रहे हो।।

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14 MAY 2023 AT 9:38

चूम कर माथे को जब वो मुझे भेजती हैं,
मेरे सर से सारी बलाएँ टल जाती हैं,
आखिर माँ का एहसास मेरे साथ रहता है,
तो मुझे हर कदम पर कामयाबी मिल जाती हैं.....!

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10 MAR 2023 AT 15:47

थाम कर जिनका हाथ, चलना सीखा
हर मुश्किल में आपको साथ पाया
जिंदगी के साथ जीने का हुनर भी मिला
आप ही थे बाबा जिनसे, सब कुछ पाया...!!

बिना आपके मुमकिन नहीं था
इस जिंदगी का पहला कदम
पर सोचा कहा था, कुछ यूं हो जायेगा
पल भर में जीवन ऐसे बदल जायेगा
आपके बिना ही जीना सीखना होगा....!!

माना कि आज आप साथ नही
पर आपकी हर सीख याद रहेगी
आप जहां भी रहे, मुस्कुराते रहे
आपकी यादें हमेशा साथ रहेंगी...!!

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10 MAR 2023 AT 15:39

Shayad vaisa hai, par vaisa sansaar nahi lagata,
Bin aapke ye parivaar, parivaar nahi lagta,
Ab ye saaton rang bas kaale safed se dikhate hai,
Bin aapke koi tyohaar, tyohaar nahi lagta...

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1 JAN 2023 AT 12:45

मोहलत क्यूँ दे, गुज़र जा,
वक़्त तू यूँ कर, गुज़र जा,
कल, परसों, महीनों, सालों की,
आँख आज तर कर, गुज़र जा...

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27 DEC 2022 AT 19:16

चहरे पे छाई उदासी ओर आंखें नम है,
मुकमल है ज़िन्दगी फिर भी खुशी कम है,
हस देते है दुनिया को दिखाने के लिए,
हर ख़ुशी में शमिल ख़ामोश हजारों गम है,
ज़िन्दगी चलते चलते अक्सर हाथ से फिसल जाती है,
पापा आ जाओ आपकी बहुत याद आती है.....

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23 DEC 2022 AT 13:43

Bahut badtameez hu mai,
Har kaam Ko adhura chor deta hoon,
Kya karun raat ka musafir hoon na,
Isliye sham ko akela chor deta hoon...

Ishq to kiya mene bhi kayi baar,
Magar sahab,
Akele pan ki adat hai na,
Har kisi se muh mod leta hoon...

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23 DEC 2022 AT 12:36

Kuch ho na ho chahaton ke safar mein,
Azmaishen ho hi jaati hain,
Laakh muskuraye koi gum chupa ke apne,
Aankhen num ho hi jaati hain...

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