माता -पिता का आशीर्वाद लिए घूमता हूँ,
अनजान शहर में अपना कोई नहीं दिखता है।
प्रतिस्पर्धा की दौड़ में कौन किसे पूछता है,
फिर भी उनकी दुआओं से जीत की अरमान लिए घूमता हूँ।।-
जो लोग मेरे दिल में रहते हुए भी अपने दिल में जगह नहीं देते उन्हें भी Heart Day की शुभकामना ।
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कितनी प्यारी है बिटिया
कितनी न्यारी है बिटिया
धरती का श्रृंगार है बिटिया
फिर क्यों बनी बोझ है बेटिया?
घर की लक्ष्मी है बिटिया
पृथ्वी का अस्तित्व है बिटिया
बेटे से कदम मिलाकर चलती है बिटिया
फिर क्यों बनी बोझ है बिटिया?
हर परिस्थिति के आगे सीना तान खड़ी है बिटिया
कोमलता की शान है बिटिया
देश का मान है बिटिया
फिर क्यों बनी बोझ है बिटिया?
चांद धरा पर फतह लहराती है बिटिया
चार दिन में बनेगी अपने घर में किराएदार बिटिया
अब माँ - ममता की रूप बनी है बिटिया
फिर क्यों बनी बोझ है बिटिया?
स्वरचित -उदय कुमार भास्कर
प्रजातंत्र की जननी वैशाली बिहार से-
कितनी प्यारी है बिटिया
कितनी न्यारी है बिटिया
धरती का श्रृंगार है बिटिया
फिर क्यों बनी बोझ है बेटिया?
घर की लक्ष्मी है बिटिया
पृथ्वी का अस्तित्व है बिटिया
बेटे से कदम मिलाकर चलती है बिटिया
फिर क्यों बनी बोझ है बिटिया?
हर परिस्थिति के आगे सीना तान खड़ी है बिटिया
कोमलता की शान है बिटिया
देश का मान है बिटिया
फिर क्यों बनी बोझ है बिटिया?
चांद धरा पर फतह लहराती है बिटिया
चार दिन में बनेगी अपने घर में किराएदार बिटिया
अब माँ - ममता की रूप बनी है बिटिया
फिर क्यों बनी बोझ है बिटिया?
स्वरचित -उदय कुमार भास्कर
प्रजातंत्र की जननी वैशाली बिहार से-
बचपन जवानी को तरसा, जवानी बचपन को तरसती है, कौन जानता है जवानी बचपन को कत्ल कर देती है।।
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उसकी यादों में क्यों तकिया भिंगाऊँ,
उसके नखरे का क्यों बोझ उठाऊँ।
उसकी याद में रात नहीं बितानी चाहिए ,
यारों !अब मुझे भी मुस्कुराना चाहिए।।
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तुम्हारी जुल्फें को जब लहराते देखा ,
अधर मौन आंखों को कहते देखा,
जिस दिन तुम्हारा दीदार हो जाता,
उस दिन को मैं त्योहार में बदलते देखा।।-