तुम खुद के थे,
अब अपनी ही बनाई भावनाओ में डूब कर
तुम खुद के भी लायक नहीं रहे।-
उभरता लेखक
(उभरता लेखक !)
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स्याही से शब्द तक का सफर 🍂
( ये एक काल्पनिक सोच हैं, किसी के निजी जिंदगी पे आधारित नहीं है... read more
( ये एक काल्पनिक सोच हैं, किसी के निजी जिंदगी पे आधारित नहीं है... read more
Joined 13 January 2018
8 NOV 2021 AT 22:29
30 AUG 2021 AT 18:36
you're busy in
take their litmus paper test.
Else everything is beautiful !-
1 JAN 2022 AT 9:52
चलो नए साल में नया इरादा ले कर चलते हैं,
साथ खड़े रहेंगे खुद के हर पल,
ये अहम वादा ले कर चलते हैं ।-
1 JAN 2022 AT 0:14
उभरता लेखक परिवार की ओर से आप सभी को
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !! 🌹-
29 DEC 2021 AT 14:57
तुम काबू में नहीं रहते आज कल
फिर से तुम मनमौजी बन रहे हो
देख कर अच्छा लगा !!-
26 DEC 2021 AT 18:52
the people make in their life
To make themselves better
than they were yesterday !!-
26 DEC 2021 AT 18:50
काफी रिश्ते भी टूटने के कगार पे हैं,
बना लो रिश्तों को
दौलत सौहरत खुद ब खुद बनते जाएगी ।-
26 DEC 2021 AT 18:42
वो शख्स
जिसने हमारे पीठ पीछे काफी बातें कर रखी हैं,
लगता है उसने हमारे रुतबे को अच्छे से चख रखी हैं ।-