फिर से खड़ी हूं एक बार फिर दूर तक जाने के लिए ,
इस सफर की दौर में थोड़ा सा किनारा ढूढने के लिए-
JOining yq 12/08/2017
Bold to express feeling
Passionate for w... read more
હવે ગામ ની ને શહેર ની શેરી નવરાત્રી શોધે છે !
જે ક્યારેક કહેતા
મને તો ફકત પાર્ટી પ્લોટ મા જ મજા આવે !-
मुझे खामोश रहना अच्छा लगता हैं ,
तुम्हें मेरी खामोशी का शोर मेरे शब्दों से ही मिलेगा-
कोई डूबकर पार कर गया दरिया जिंदगी का ,
हम अभी भी किनारे पर बैठे हुए हैं ,
अपने सपनों की उड़ाने लिए ,
उड़नखटोले का इंतजार करते हुई ,
क्या करे ?!
ना सरकार दे रही हैं मंजूरी उड़नखटोले की ,
ना परिवार दे रहा हैं मंजूरी मेरे सपनों की !
कैसे पार होगा दरिया मेरा ,
कोई डूबकर पार कर गया दरिया जिंदगी का
हम अभी भी किनारे पर बैठे हुई हैं ,
कोई जहाज़ लेकर आया और वो चला गया ,
हम अभी भी आसमानी उड़ान की ख्वाहिश लिए बैठे हैं ,
हम अभी भी किनारे पर बैठे हुई हैं ।-
कभी कभी कोई अपना इतना अंजान बनके मिलता हैं
और कभी कभी कोई पराया अपना बन जाता हैं-
मुझे अक्सर चांदनी रात में बैठे तारे दिखाई देते हैं ,
लेकिन में काल्पनिक विचारों में खोए रहती हूं,
तुम मुझे जानते हो तो यहीं भी जानते होंगे की मुझे तारे गिनने में कोई इंटरेस्ट नहीं हैं ,
मुझे वो कहीं अपना नाम स्टार जैसा हो उसमे इंटरेस्ट हैं-
हर रोज डाइट की बात करके वो पिज़्ज़ा बर्गर खाता हैं ,
और मुझे मनाने के चक्कर में कैचप से हम दोनों का नाम लिख देता हैं ।-
हम तुमसे मिले इस तरह से ,
जैसे मृगजल से मिलते हैं तरसे मुसाफिर ।-