Twinkall Patel   (Littletikkii)
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Joined 11 August 2017


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Joined 11 August 2017
19 JAN 2022 AT 14:15

फिर से खड़ी हूं एक बार फिर दूर तक जाने के लिए ,
इस सफर की दौर में थोड़ा सा किनारा ढूढने के लिए

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7 OCT 2021 AT 22:29

હવે ગામ ની ને શહેર ની શેરી નવરાત્રી શોધે છે !
જે ક્યારેક કહેતા

મને તો ફકત પાર્ટી પ્લોટ મા જ મજા આવે !

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3 SEP 2021 AT 22:47

मुझे खामोश रहना अच्छा लगता हैं ,
तुम्हें मेरी खामोशी का शोर मेरे शब्दों से ही मिलेगा

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15 AUG 2021 AT 16:49

मुझे ये सोचकर जिंदा रहना हैं की
अभी तुझे जिंदा देख सकूं

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13 AUG 2021 AT 0:41

मेरे सपनों का कोई सरनेम नहीं हैं
तो परिवार कैसे होगा ?

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13 AUG 2021 AT 0:04

कोई डूबकर पार कर गया दरिया जिंदगी का ,
हम अभी भी किनारे पर बैठे हुए हैं ,
अपने सपनों की उड़ाने लिए ,
उड़नखटोले का इंतजार करते हुई ,
क्या करे ?!
ना सरकार दे रही हैं मंजूरी उड़नखटोले की ,
ना परिवार दे रहा हैं मंजूरी मेरे सपनों की !
कैसे पार होगा दरिया मेरा ,
कोई डूबकर पार कर गया दरिया जिंदगी का
हम अभी भी किनारे पर बैठे हुई हैं ,
कोई जहाज़ लेकर आया और वो चला गया ,
हम अभी भी आसमानी उड़ान की ख्वाहिश लिए बैठे हैं ,
हम अभी भी किनारे पर बैठे हुई हैं ।

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4 AUG 2021 AT 9:45

कभी कभी कोई अपना इतना अंजान बनके मिलता हैं
और कभी कभी कोई पराया अपना बन जाता हैं

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4 AUG 2021 AT 9:18

मुझे अक्सर चांदनी रात में बैठे तारे दिखाई देते हैं ,
लेकिन में काल्पनिक विचारों में खोए रहती हूं,
तुम मुझे जानते हो तो यहीं भी जानते होंगे की मुझे तारे गिनने में कोई इंटरेस्ट नहीं हैं ,
मुझे वो कहीं अपना नाम स्टार जैसा हो उसमे इंटरेस्ट हैं

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1 AUG 2021 AT 23:52

हर रोज डाइट की बात करके वो पिज़्ज़ा बर्गर खाता हैं ,
और मुझे मनाने के चक्कर में कैचप से हम दोनों का नाम लिख देता हैं ।

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1 AUG 2021 AT 23:11

हम तुमसे मिले इस तरह से ,
जैसे मृगजल से मिलते हैं तरसे मुसाफिर ।

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