मैं हमेशा शांत नही थी,
तुम हमेशा ऐसे नही थे,
शायद !
अपनी अपनी सीमाओं
के समीकरण में प्रेम
करने पर ऐसा होता होगा ।।-
$tuti
($tuti)
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मैं केवल तुम्हें प्रेम देना चाहती हूँ इस जहां की सारी पीड़ाएँ मैंने अपने हिस्से रख ली हैं
Joined 14 January 2018
9 HOURS AGO
18 SEP AT 14:32
एक पुराने पते पर,
पुराने खंडहर में,
पुराने से पेड़ की
पुरानी हो चुकी शाखों पर,
पुराना सा एक वादा
लिखा देखा
For ever "
आज फिर तुम याद आये।।-
17 SEP AT 11:55
तुम्हें पढ़ना था
मेरी खिड़कियों पर रखा मौन,
तुम्हें ही आना था
दहलीजों को लांघ कर,
हर बार तो मैं नही कर सकती ।।-
13 SEP AT 19:26
मैं नदी हो रही हूँ
धीरे-धीरे, बहती शांत, अनवरत
इस प्रतीक्षा में कि किसी दिन
कोई केवट
तुम्हें लाएगा मेरे पास ।।-
8 SEP AT 14:12
तुम्हारे और मेरे मध्य
ये प्रांतर* भूमि नही है,
अँगुलभर की प्रतीक्षा है
जिनमें हमारे प्रेम-पत्र
विचरते रहते है ।।-