खोने में तुम्हें इतने मशगूल थे,
कि तुम्हें पाने का एहसास भूल गए।
साँसे थाम रखी थीं इस क़दर,
कि तुम बिन जीने का अंदाज़ भूल गए।।- ओस
21 JUN 2021 AT 16:25
खोने में तुम्हें इतने मशगूल थे,
कि तुम्हें पाने का एहसास भूल गए।
साँसे थाम रखी थीं इस क़दर,
कि तुम बिन जीने का अंदाज़ भूल गए।।- ओस