जो समुचित विकास की नींव है ।
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लिखता रहूँगा
दिखता रहूँगा
Once Stopped for Finding Life,
Found a Pen .
हम सबकी कलम काफी मजबूत हो चुकी है ,
और हौसले भी काफी दुरुस्त हो गए हैं ।-
जैसे कुछ कहना चाहती हो कि
यूं ही नहीं रूठी -
रूठने की वजह शायद मैं ही हूं ।-
एक कमजोर क्षण ही है सिर्फ ,
इस क्षण से गुजरने के लिए बस एक साथी की जरूरत पड़ती है ,
जो सिर्फ बोले जाए और आप उस आवाज में कहीं खो से जाएं ।-
अपने आप के साथ चलते रहो ,
तुम्हें सिर्फ तुम ही निखार सकते हो ।
उठो और नए वर्ष में खुद को दुबारा उभार दो ।-