एक बिता हुआ नगमा फिर से
परछाई बनकर सामने आया-
I am artist
A picture is poem without words
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@feelwords111
कुछ खट्टी , कुछ मीठी
यादों का सिसकता हुआ हर एक लम्हा
फिर से अनजान बन गया-
काही आठवणी नकळत का होईना डोळ्यासमोर भूतकाळाची आकृती निर्माण करतात
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कुछ चेहरों के बड़े नायब से किस्से हैं , जिससे हम गुफ्तगु करना चाहते हैं
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पुराने दिन को याद करके
मेरा हर एक बूंद बंद खिड़की पर छोड़ आता हूं-