वो काफिला तेरी बस्ती में रात क्या ठहरा
हर एक को अपने पसन्दिदा ख्वाब आ रहे थे।।
बगैर पूछे ब्याहे गये थे हम दोनो
कबुल कहते हुए होंठ थरथरा रहे थे।।।
"हाफी"- Tushar Offline
10 MAY 2019 AT 10:15
वो काफिला तेरी बस्ती में रात क्या ठहरा
हर एक को अपने पसन्दिदा ख्वाब आ रहे थे।।
बगैर पूछे ब्याहे गये थे हम दोनो
कबुल कहते हुए होंठ थरथरा रहे थे।।।
"हाफी"- Tushar Offline