जिंदगी की मुश्किलों को ,
अपनों के बीच रख दो,
या तो अपने रहेंगे,
या फिर मुश्किलें…
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कोन जाने कब मौत का पैगाम आ जाए,
कब पता ज़िंदगी की आखरी शाम आ जाए,
हमे तो इंतजार है उस शाम का,
जब हमारी ज़िंदगी तिरंगे के काम आ जाए....
Army lover ❤️-
पत्थरों की दुनिया में सैलाब कहाँ से लाऊँ,
मैं भी हूँ एक इंसा ! ये ख़िताब कहाँ से लाऊँ !
हाथों की लकीरें पढ़ने वाले हज़ार है यहाँ,
बयां हो हाल-ए-दिल वो किताब कहाँ से लाऊँ !
बदन थकने लगा है, नीरस जिंदगी के बोझ से,
जो लादे सुकूँ की नींद वो ख़्वाब कहाँ से लाऊँ !
हर राह पे है मुश्किलें एक नए सवाल के साथ,
जुबाँ ख़ामोश रहे सबकी वो जवाब कहाँ से लाऊँ !
दर्द ईश्क़ का छुपाना आसां है मुस्कुराहट में,
ग़म जिंदगी के जो मिटा दे वो शराब कहाँ से लाऊँ !
ये ईश्क़ भी कम्बख़्त दर्द का कारोबार ही तो है,
जो महका दे रूह को वो ग़ुलाब कहाँ से लाऊँ .....
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चलते चलते राह में उन से मुलाकात हुई,
वो कुछ शरमाई फिर सहम सी गई,
दिल तो हमारा भी किया कि कह दे उनसे,
अपने दिल की बात,
पर कम्बखत इस दिल की इतनी हिम्मत ही न हुई........-
सामने हो मंजिल तो रास्ते न मोड़ना,
जो भी मन में हो वो सपना न तोड़ना,
कदम कदम पे मिलेगी मुश्किल आपको, बस
सितारे चुनने के लिए जमीन मत छोड़ना.......-
आपने नज़र से नज़र कब मिला दी, हमारी ज़िन्दगी, झूमकर मुस्कुरा दी, जुबां से तो हम कुछ भी न कह सके, पर निगाहों ने दिल की कहानी सुना दी........
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तुझसे ख़ुशी का ही नही गम का भी रिश्ता रखते है,
तुझे जिंदगी का हिस्सा बना कर रखते है,
हमारा रिश्ता लफ़्ज़ों का मोहताज नही हुआ करता है,
तुझसे तो रूह से रूह तक का रिश्ता रखते हैं......-
अपनी जिंदगी में हमने तेरी जरूरत देखी है,
तेरी आँखों में हमने अपने लिए मोहब्बत देखी है,
जितनी बार खुद को भी नही देखा होगा,
उतनी बार हमने तेरी सूरत देखी है.....-
जहाँ हमारा स्वार्थ समाप्त होता है,
वही से हमारी इंसानियत आरम्भ होती है ,
लोग कहते है कि,
आदमी को अमीर होना चाहिए और ,
गांव के बुज़ुर्ग़ो का कहना है कि ,
आदमी का जमीर होना चाहिए ,
चित्र ही नहीं चरित्र भी सुंदर हो
भवन ही नहीं भावना भी सुंदर हो ,
साधन ही नहीं साधना भी सुंदर हो,
दृष्टि ही नहीं दृष्टिकोण भी सुंदर हो.......
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खो गयी मेरी मोहब्बत बेवफ़ाई के दलदल में,
मगर इन आँखो को अब भी वफ़ा की तलाश है.......-