ग़लती एक आदत
लहज़ा मेरा ग़लत
सब सही है ज़माने में
सिर्फ़ मैं ही ग़लत ?-
Tushar Aggarwal
(Tushar Aggarwal)
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मैं आप और कुछ शब्द
जज़्बात क़लम - दिल काग़ज़
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Joined 18 August 2018
12 MAY 2021 AT 13:03
19 SEP 2020 AT 15:37
प्यार को प्यार खींचता है
खिंची चली आती है मोहब्बत
कमबख़्त चीज़ ही ऐसी है
बिन बताए आजाती है ये नौबत-
19 SEP 2020 AT 15:34
ना हम बेवफ़ा
ना तुम बेवफ़ा
क़िस्मत ने दी ये दग़ा
जो दूर है आज हम इस तरह-
7 AUG 2020 AT 9:03
बहुत दिनों बाद लौटा हूँ जज़्बात लिए
लाल आँखें टूटा विश्वास लिए
बस अब हँसा दे ऐ ज़िंदगी
रोज़ झेलते हैं शर्मिंदगी
बस अब हँसा दे ऐ ज़िंदगी
या हमेशा के लिए सुला दे ऐ ज़िंदगी-
12 JUN 2020 AT 20:21
क़दर वो होती है जो मौजूदगी में की जाए
ना की किसी तीसरे के आगे बेज़त करके
प्यार वो होता है जो दूर रेहके भी निभाया जाए
ना की सिर्फ़ साथ रह करके
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27 MAY 2020 AT 15:34
तुमसे बात करे बिना नींद आती नही
चैन आता नही याद जाती नही
तुम यहीं मैं भी यहीं
खुली आँख में भी सपना दिखता है सिर्फ़ वही
काश तुम होती यहीं काश मैं होता यहीं
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24 MAY 2020 AT 18:14
वो मेरी मंज़िल भी है , और वो ही रास्ता
वो मेरा साहिल भी है , और वो ही सागर-