अलबत्ता यह दिल-विल
का मसला था ही नहीं..
हम ख़ामख़ा दिल जला बैठै !!
उनकी जरूरते कुछ और थी ..
हम ख़ामख़ा उनको
अपनी जरुरत बना बैठै !!-
tum bin
(@KS)
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Hey everyone I am writing on this page using my imagination based on various situational e... read more
Joined 18 April 2019
8 JUN 2022 AT 18:07
6 JUN 2022 AT 18:24
ज़िन्दगी नहीं आती किसी fillters के साथ ..
कम्बख्त करा ही देती है रूबरू असलियत के साथ !!-
5 JUN 2022 AT 0:56
Social media क़ी भी अजीब मजबूरी है ..
खुश हो या ना भी हो पर खुश दिखना ज़रूरी है !!-
19 MAY 2022 AT 0:51
तक़दीर मैं नही पर तकलीफ़ों मै तू थी साथ ..
कड़वाहटों में भी तेरे अपनेपन को रखेंगे याद !!-
10 MAY 2022 AT 17:07
ना शायद क़ाबिल थे ना कबूल थे…
हम ख़ामख़ा चाँद देख ईद बनाते रहे !!
ना लकीरों मै थे ना ही ख्वाहिशों मै …
हम ख़ामख़ा अरमानो की होली जलाते रहे !!
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2 MAY 2022 AT 23:26
अलविदा कह कर निकल गये तेरी महफ़िल से..
अब मुड़ कर देखने के लिया कुछ बचा भी नही! !!-
2 MAY 2022 AT 16:39
उनकी रुख्सत की तारीख अब क़रीब है ..
महफ़िल उनकी अब चाँद तारो से रंगीन है !!
ढूढ़ लेते थे अपनी ख़ुशी जिनकी आँखों में ..
आज उनकी ख़ुशी मे मेरी आँखों मै क्यों नमी है !!-