जो प्रेम गली में आया नहीं प्रियतम का ठिकाना क्या जाने जिसने कभी प्रेम किया ही नहीं वो प्रेम निभाना क्या जाने जिस दिल में ना पैदा दर्द हुआ वो पीर पराई क्या जाने मीरा है दिवानी मोहन की संसार निभाना क्या जाने |
कोई शक है तुझे तो पढकर देख ले मेरी रूह पर लिखा है जो वो तेरा नाम है मैं जी लूँ या मर ही जाउँ तुझसे मिलन की प्यास में मिलने आना न आना ये अब तेरा काम है..
तेरी हर छवि पर ये जोगन बलिहारी है बस इक, तू अपना सा लगता है,पराई ये दुनिया सारी है साथ कितना और कब तक है हमारा..... न पूछना मुझसे ये सांवरिया मेरे नैनन में तूने इक उम्र सी गुजारी है