क्या लिख दू में दिल का हाल अपना क्या होगा पूरा वो अधूरा सपना क्या कभी फिर वो वक्त लौट पाएगा क्या वक्त कभी उन पलों को दोहराएगा या ऐसे ही ये वक्त भी गुज़र जायेगा जो होना है वो तो होके ही रहेगा और जो होगा वो वक्त ही बताएगा
//श्री// ये वक्त गुजर जाएगा, ये साल गुजर जाएगा। बदलते साल के साथ ये हाल सुधर जाएगा।। कुछ दर्द इस दिल में मानो यूं उतर जाएगा । जो छूट गया है कही, वो याद बड़ा आयेगा।।
।।श्री।। कभी कभी मैं सोचता हु मेंने क्या खोया क्या पाया। बदलते वक्त में किस किस ने मेरा साथ है निभाया।। असर कितना पड़ता है उन बातो का उन वादों का। असर कितना पड़ता है उन खूबसूरत सी यादों का।। टूटती हुए अभिलाषाओ में कोन साहिल सा पास आया। डूबती मजधार में आखिर किसने अपना हाथ छुड़ाया।। कभी कभी मैं सोचता हु मेने क्या खोया क्या पाया।
//श्री// रास्ता हूं मैं मुझे मंजिल ना समझना ।। मुसाफिर सा रिश्ता है, साहिल ना समझना ।। ठहर जाता हु मैं जब कोई गुजरे नही मुझपे।। गर साथ है तू मेरे तो ये वादा है तुझसे। रोड़े बहुत है बस तू चलते ही रहना ।। मंजिल दिखा दूंगा भले तू चाहे भटकना।।
कुछ लोग होते है जो आज भी प्यार करते है । कुछ लम्हे नही, जन्मों का इंतजार करते है ।। वो तो हम ही नासमझ लगते है हमे तो । जिसे जाना है छोड़ कर, उसी से इजहार करते है ।।