अपना ग़म अब हम हर किसी से छिपाते हैं,
किसी अंजान को सारे राज नहीं बताते हैं,
ज़िन्दगी के सफर में इक अंजान मुसाफ़िर से मोहब्बत की हमने,
हम एक बार हुई ग़लती को दोबारा नहीं दोहराते हैं।
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ज़ख्म इतने गहरे थे दिखा ना सका,
चाह के भी इश्क़ अपना छिपा ना सका,
सुने थे तेरी बेवफाई के किस्से कई,
मगर बेवफ़ा की बेवफ़ाई से खुद को बचा न सका..-
मां मेरी मै जानता हूं कि तू कितना रोएगी
तेरी आंचल में पला मै जब तू मुझको खोएगी
रोएगी, चिल्लाएगी कुछ छड़ को पागल हो जाएगी
पर फक्र होगा तुझको जब सुनेगी मेरी शौर्यगाथा
मां तेरा लाल वीर था जो वीरगति पा लिया
काल को ललकार दिया मृत्यु को पछाड़ दिया
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ऐ खुदा तुझसे इक सिफ़ारिश करता हूं
तू मुझे मौत दे दे ये गुज़ारिश करता हूं
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अब और ताकत नहीं बाक़ी हममें इश्क़ आजमाने की,
हमने भी एक बात मान ली इस फरेबी ज़माने की,
लोग कहते पहली मोहब्बत बेवफ़ा दूसरी ज़िन्दगी आबाद करती है,
हमने दोनों करके देख ली मोहब्बत सिर्फ जिन्दगी बर्बाद करती हैं...-
एक वक्त था जब हम आप पे मरा करते थे,
यकीं कर लो जान हम इश्क़ बेपनाह किया करते थे,
मगर ना जाने क्या कसक बाकी थी हमारी मोहब्बत में,
के आप हमे भुलाकर रकीब के ख्यालों में ही जिया करते थे....-
ज़िन्दगी जीने को यहां एक ख़्वाब मिलता है...
यहां हर सवाल का झूठा जवाब मिलता है...
किसे समझें अपना और किसे पराया समझें...
यहां तो हर किसी के चेहरे पर एक नक़ाब मिलता है..-
मेरी ज़िन्दगी की रोशन अब वो रात नहीं है....
जिंदा हूं मगर जज़्बात नहीं है.......
दिल है मगर धड़कनों में वो बात नहीं है...
तू पास है मगर तेरे पास होने का ही अहसास नहीं है..-
कुछ इस कदर खो गया मै सपनों की तलाश में..
अपनों में ही ना रहा मै अपनों को तलाश में....
यार छूटे प्यार छूटा परिवार भी छूट गया.....
जब पीछे मुड़कर देखा मैंने मेरा घर ही टूट गया.-
रोशनी की बात ना करो मुझसे मेरी हर रात अंधेरे मे कटती है
ये प्यार, मोहब्बत, इश्क़ सब कहने की बातें हैं इनसे ज़िन्दगी नहीं गुजरती है-