जब सारी स्त्रियां वस्त्र त्याग कर नग्न होगी
तब कौन सा पुरुष कौन सी स्त्री को देखेगा,
वो किसके स्तन को मापेगा ,
वो किसके रक्त रंजित योनी को निहारेगा,
वो किस पतन को देखेगा,
वो कामुखता की चरम चढ़ ,
किस भोग को भोग कर मरेगा ,
स्त्रियां जब मौन विलाप करेंगी ,
तब बहत्तर हज़ार नाड़ी में इड़ा प्रचड होगा
पुरुष के वीर्य पे ,
जब भरी एक स्त्री का आसू होगा,
तो पुरुष का सौ दुर्भाग्य फट जायेगा ,
पुरुष के वंश यह विध्वंश देख ..
सड़ जायेंगे , उनके मास गलने लगेंगे
और स्त्रियों के आसू तेजाब बन उन्हें पिघाल देगी...
तब स्त्रियां अंबर धरती को निगल जायेंगी
महा विनाश होगा..
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