𝕥ꪖ𝕣𝕜ꫀડꫝ💓 स्नेह   (𝕥ꪖ𝕣𝕜ꫀડꫝ(प्रेमीपरिंदा))
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Joined 18 November 2019


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Joined 18 November 2019

जो धर्म जन्म से एक को श्रेष्ठ
और दूसरे को नीच बनाए रखें,
वह धर्म नहीं, गुलाम बनाए रखने
का षड़यंत्र है।
मैं ऐसे धर्म को मानता हूं
जो स्वतंत्रता, समानता
और भाईचारा सिखाता है..
हम सबसे पहले और
अंत में भारतीय है और रहेंगे।
Dr. B R Ambedkar को उनके
परिनिर्वान दिवस पर शत शत नमन।🙏

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और चाय की चुस्कियां

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कोई इज़हार ए इश्क
तो फरमाए, हम दिल
हथेली में ले के बैठे है।

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उजड़े हुए बाग़ फिर से सवर जाते है,
जब दो प्रेमी परिंदे बाग ए इश्क में खो जाते है।

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जिस पर चलने वाले
मोहब्बत के तलबगार ही
होते है।

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छोटी मत समझना,
चले हे हम इश्क का
दरिया पार करने,
मोहब्बत है सच्ची इसे
जूठी मत समझना।

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वो कभी कभी दूसरो की
भलाई के लिए जूठ भी
बोलते है।

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अगर तमन्ना है पाने की तो
तरसना भी पड़ेगा ।

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ज्यादा समझदार और बेवकूफ
होने में कोई फर्क नहीं है ये दोनों
कभी किसी की नहीं सुनते।

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जिसकी कोई मंज़िल ना हो।

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