मैं अक्सर दुर हो जाता हूं उन लोगों से,
जहां लगता है इनको अब मेरी जरूरत नहीं
वो खो देते हैं उस इनसान को जो उनका था
मैं सिर्फ उन्हें खोता हूं जो मेरे कभी थे नहीं-
उससे कहीं बेहतर है चन्द अल्फाज़ लिखें
आप पढते रहिए "पाठ... read more
खुदकुशी का एक ख्याल अकसर मेरे दिल में भी आता है,
मगर नजरों में मेरे मेरे अपनों का चेहरा भी आता है,
उतरता है नहीं ख्याल उसकी मुझसे की हर बेवफाई का,
मगर मेरे अपनों की एहसास-ए-वफा का ख्याल भी आता है-
मैं दिल से टूट कर बिखर रहा हूं,
कोई सम्भाल ले मुझको
मैं खुद से रूठ कर दुर जा रहा हूं ,
कोई सम्भाल ले मुझको
इतना दुर मैं जा रहा हूं कि कोई,
आ ना सकेगा मेरे पास
मैं दुनिया से थक कर पार जा रहा हूं,
कोई सम्भाल ले मुझको-
दिल की हसरत, मन की ख्वाहिश,
तुम्हारी तमन्ना,मेरी आरजू,
गर सब मुकम्मल हो जाए,
फिर कौन मेरे अश'आर पढे,
फिर कौन गज़ल को चाहे।-
मुझको मेरे दर्द ने कहां रुलाया था,
कोई इतना दर्द कहां सह पाया था,
"पाठक" तुझसे ऐसी भी क्या भूल हुई,
भूल गया वो सब कुछ जो तेरा हमसाया था।-
तस्वीर देखो तो देखो किसी की आंखे,
बोलती हुई सी खामोश आंखे,
चीखती हुई सी बेहोश आंखे,
झूलती हुई सी मदहोश आंखे,-
किसी से जब मुहब्बत रूह से हो जाए,
उस तडप को कोई कैसे समझ पाए,
कोई सब कुछ जानकर भी तडपा रहा है,
"पाठक" कैसे उसे शब्दों में समझा पाए-
उसकी यादों में हम अब भी हैं,
भरम बचा रखा है,
इश्क मुहब्बत सब बातें हैं,
बातों में क्या रखा है,
वो याद करती होगी तसव्वुर में
हमें भी "पाठक"
इस भरम को हमने अपने
जहन में बसा रखा है।-
खाली खाली सा है मन मेरा
खाली खाली ही है जीवन मेरा
खाली खाली सी मंजिलें लगती है,
खाली खाली ही है हर ख्वाब मेरा-
तेरे बगैर जीना भी कितना दुश्वार है,
कैसे बताऊं तुझसे कितना प्यार है,
तू मुझे अब मिले मुकम्मल आस भी नहीं
किसी की अब मुसलसल प्यास भी नहीं,
तेरी राह तकते अब उम्र बीतने लगी है,
मौत राहे जिन्दगी पर अब जीतने लगी है,
मुझको बस अब तेरे आने का इन्तजार है,
यकीन कर मेरा मुझे सिर्फ तुझी से प्यार है।-