उसने हमसे पूछा तुम्हारी मर्ज़ी क्या है,
क्यों करते हो मोहब्बत वजह क्या है,
कैसे बताएं हमारी खता क्या है,
जो वजह से करे मोहब्बत उसमे मज़ा क्या है।
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वो न सही, उसकी एक तस्वीर काफी है।
याद से निकल जाए, तो आसुओं में बाकी है।
मैं नहीं चाहती के वो, मुझसे मोहोब्बत करे,
बस मेरा नाम सुनते ही,
उसका दिल धड़क जाए ,इतना काफी है।
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सामने हम हों और होश तेरे गुम न हों,
या तो वो प्यार नहीं, या फिर तुम सच्चे यार नहीं।-
नशा था तेरे प्यार का, जिसमें हम खो गए।
हमें भी न पता चला, के कब हम तेरे हो गए ।-
खूब याद रहेगा, ये नवंबर हमको,
क्या खूब तरसे हैं, एक शक्स के लिए।-
इस तरह याद आकर हमें बेचैन ना करो,
एक ही सजा काफ़ी नहीं कि पास नहीं तुम।-
वो कहता है मुझे तुम्हे मनाना नहीं आता,
प्यार कितना है तुमसे ये जताना नहीं आता,
उन्हें कैसे बताए ईश्क वो बीमारी है,
जिनका इलाज़ किसी दवा खाने में नहीं आता।-
किसी को इतना भी भाव मत दीजिए,
कि वो आपको रद्दी के भाव समझने लगे।— % &-
हमने आज वो मंजर भी देख लिया,
उनका पीछे से मारा हुआ खंजर भी देख लिया,
उन्होंने लगाई हमारी जिंदगी में आग,
और ऊपर वाले ने
उनके ही जीवन को खाक कर दिया।
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