लम्हे
बरसो बाद कुछ लिखने जा रहा हूं, नए सफ़र में
अपने लिए समय निकाल रहा हूं।।
खो सा गया हू दिमागी कसरत से,
अपने लिए कुछ लम्हें चुरा रहा हूं।।-
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Pleas... read more
यादें
रास्ते अलग होते जा रहे है पल पल जिंदगी में
बस खट्टी मीठी यादें, बटोरे जा रहे है।।
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खालीपन
खालीपन सा लग रहा है जिंदगी में कुछ दिनों से हर पल।
दूर करने की आस में, मैखाने जा रहा हूं।।
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धुंधलापन
धुंधलापन सा छा रहा है जिन्दगी में आजकल ।
बस तेज़ आंधी का इंतजार सा रहता है।।
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सब्र
युही ना हो परेशान ये वक्त भी निकल जायेगा।
सब्र के आगे तो वो भी पिगल जाता है,
इंसान कितना वक्त लगाएगा।।
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घाव
वक्त के साथ हर घाव भर जाता है।
बस उस घाव का निशान ज़िंदगी भर रहे जाता है।।
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छोर
बस छोर पर खड़ा हूं, एक बड़ी आस में
एक हवा का झोका आए, और उस पर ले जाए।।
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कलम
आज बहुत दिनों बाद कलम को हाथ लगाया है।
अपने जज्बातों को शब्दों के रूप मे दिखाया है।।
खो सी गई थी मेरी कलम इस भीड़ में कही।
आज किसी अपने ने लिखने को उकसाया है।।
भूल ही गया था, की लिख भी सकता हूं ।
अपने जज्बातों को कोरे कागज पर में।।
पर जिंदगी की भाग दौड़ ने याददाश को कमजोर बनाया है।
फिर एक कोशिश कर रहा हूं आज, कलम उठाने की।
कही लिखना भूल ना जाओ, अपने आप को भीतर से जगाया है।।-
बेबस
तेरे लिए बेबस नही बस मन मे एक खयाल है।
एक वादे से जुड़ा हूं बस उसका दरकार है।।
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राह
दूर तक चलने का वादा करके वो आगे निकल गए।
हम राह उनकी देखते हुए अकेले पड़ गए।।
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