एक ठिड रुक्याँ कियाँ सरसी।
भूल पुराणी गलतयाँ न
आग बढ्यां ई काम सरसी।-
त्रिलोक चंद
(त्रिलोक चंद)
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लिखना सीख रहा हूं...
Joined 29 September 2018
14 JUN AT 16:12
जीवन,
मन,
तू जीवन का पर्याय है।
तेरे बिना सूना
आंगन,
गलियारा,
तू घर का पर्याय है।-
14 JUN AT 16:09
यदि सम्बन्धों में रोष हो तो चलेगा, क्योंकि ये सम्बन्ध जीवित होने का प्रतीक है लेकिन चुप्पी हो तो ये सम्बन्ध की मृत्यु की ओर इंगित करने वाली बात है।
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14 JUN AT 9:37
जेठ का मीना म
लाग भट्टी सो,
जो बरसे मेह
आसमान सूं,
तो औय बायरो
लाग काळजा न
ठंडक देबाळो सो।-