अर खुद की शक्ति ने जाण,
तू ही थारो जाम्बवन्त,
अर तू ही थारो हनुमाण,
नहीं आव कोई भी थार साग
खुद ही कर लंका पर प्रयाण।-
त्रिलोक चंद
(त्रिलोक चंद)
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लिखना सीख रहा हूं...
Joined 29 September 2018
7 HOURS AGO
YESTERDAY AT 18:46
शामें ढलती जा रही हैं,
बस तुम्हारी यादों के सहारे
जिंदगी कटती जा रही है।
तुम गए जिंदगी से ऐसे कि
जिंदगी बदरंग सी हो गई
और रंगों की तलाश में हमारी
शामें ढलती जा रही हैं।-
YESTERDAY AT 18:41
मतदाता सूची का पुनरीक्षण का तीर एकदम सही जगह लगा है, ऐसा लगता है इसीलिए पूरा विपक्ष तिलमिला और छटपटा रहा है..!
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30 JUL AT 21:10
संसद में चर्चा के लिए वास्तव में तैयारी की आवश्यकता होती है और विपक्ष इसके बिना ही आ जाता है..!
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30 JUL AT 6:20
Don't Be Afraid To Start All Over Again, You May Like Your New Story Better.
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28 JUL AT 21:16
कोई न कह सको,
इस्या मन आळो,
मन की बात समझबाळो,
एक भायळो जरूर ई
पक्काई बणावज्यो।-