बहुत कुछ कहने-सुनने के बावजूद
बची रह जाती हैं ,कुछ बातें
अनकही सी, अनसुनी सी,
अनसुलझी भी...
फिर न शब्द होते हैं
न खामोशी....
बस एक हलचल सी रहती है
इस कोने में भी
और उस किनारे भी....
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घर की शुभता
मन की शुचिता
अपनों का साथ
दिल सुने ,
दिल से कही हर बात
थोड़ी इंसानियत
शब्दों में थोड़ी मुलायमियत।।
थोड़ा यकीन,
जरा सा सुकून
थोड़ा रंग,
रत्ती भर रोशनी।।
थोड़ी मुस्कराहट
चुटकी भर हँसी
थोड़ी ज़िंदादिली,
उस पर समझी जा सके ,खामोशी भी
अधूरी न रहे कोई उम्मीद
मीठी सी हो हर एक दुआ,,
छोटे से मन की,बस यही
छोटी सी प्रार्थना।।
-तोषी शर्मा
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किसी के हिस्से में धूप आई
किसी के हिस्से रोशनी,
मैंने जब चाहा अपना हिस्सा
इन आँखों में पूरा सूरज ही उतर आया...
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कहना जरूरी है,
क्या फ़र्क़ पड़ता है
कि तुमने कहा या मैंने,
दिल की बातों का बस
ज़बान तक आना जरूरी है....-
मन की भी अजब-गज़ब उलझन है,
कभी संगीत में भी सुकून नहीं ढूँढ पाता तो कभी शोर में ही चैन मिल जाता है...-
कई दफ़े नींद आँखों तक पहुँचने का रास्ता भूल जाती है...
जैसे कुछ चिट्ठियाँ अपने पढ़े जाने के इंतज़ार में कुछ इस कदर गुम होती हैं कि सहीं पते पर जाना भूल जाती हैं....-
अच्छे लोग और अच्छे किस्से सहेज लिए जाने चाहिए... बुरे वक्त में अच्छे लोग और अच्छे किस्से और भले कुछ न कर पाएं पर बुराई हावी होने नहीं देते.
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#न_जाने_किस_बात_की_जल्दी_है
रुक जाओ,
ज़रा ठहर भी जाओ,
न चाहतें कम होंगी
न राहतें मिलेंगी
भला कब तक भागोगे
पीछे रंग और रोशनी के,
दो घड़ी सुकून से
किसी अँधेरे कोने
बैठ भी जाओ।।
समय का सूरज
जो तपे सर पर
मन का मौसम
खुशगवार बनाओ
न कर सको हँसी की बारिश
मुस्कराहट की बदली बन जाओ।।
गुज़ारिश समझो या मानो इल्तिज़ा
बात मेरी अब मान भी जाओ
रुक जाओ,
ज़रा ठहर भी जाओ....
- तोषी शर्मा-
#न_जाने_किस_बात_की_जल्दी_है
इश्क़ और मुश्क यूँ तो छुपाये नहीं छुपते
पर भला ईश्वर भी कभी कहीं हैं दिखते,
न जाने फिर क्यों,ये हवा चल पड़ी है
दो चार बातों मुलाकातों से ज्यादा जल्दी,
इश्क़ के इश्तेहार छपवाने की पड़ी है.
भला विज्ञापन भी कभी सच्चे हुए हैं,
इश्क़ है ,LIC की जीवन बीमा पॉलिसी नहीं
कि एक प्रीमियम पर ही
"ज़िन्दगी के साथ भी ज़िन्दगी के बाद भी"
वाली बात कहें.
थोड़ा इत्मीनान रखिये,
ऊँची नीची डगर पर साथ तो चलिये
हँसी की बारिश में जो भीग भी गए
ग़म की धूप पर साथ न सहीं ,पीछे तो रहिये.
जब बिना मिले नज़र, धड़कन तक बात पहुँचे
इंतज़ार की लंबी बदली के पार
हँसी की मीठी फुहार बरसे,
तब कहिये ज़नाब ये इश्क़ इश्क़ है...
और इश्क़ तो फार्च्यून सोया ऑइल की तरह है
जो रखे ख़्याल सिर्फ आपके दिल का नहीं
बल्कि उनका भी जो बसते हैं आपके दिल में।।
-Toshi Sharma-
सड़क के इस पार मैं हूँ , उस पार उम्मीद...
दुनिया बस इतनी ही तो बड़ी है,
पर ये दूरी है कि तय ही नहीं होती.…..-