जो खून चूसे उसका निकलता भी हैऔर घिरा गुनाहों से वो बदलता भी है सच है वाक़िफ़ पर झूठ में पड़ता भी है औरों को छोड़ो आदमी खुद से डरता भी है -
जो खून चूसे उसका निकलता भी हैऔर घिरा गुनाहों से वो बदलता भी है सच है वाक़िफ़ पर झूठ में पड़ता भी है औरों को छोड़ो आदमी खुद से डरता भी है
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हर दिन एक जंग हैं हार जीत और तंग हैं -
हर दिन एक जंग हैं हार जीत और तंग हैं
इन छोरियों में दम हैये ना किसी से कम हैआजादी जो मिले तोसारी की सारी बम हैदेख दूसरे का दुख बसइनकी ही आँखे नम हैहाथ में हो करछी कभीऔर फिर देखो कलम हैगाँव में ट्रैक्टर परिचालनकहे बाइक चलाती हम है -
इन छोरियों में दम हैये ना किसी से कम हैआजादी जो मिले तोसारी की सारी बम हैदेख दूसरे का दुख बसइनकी ही आँखे नम हैहाथ में हो करछी कभीऔर फिर देखो कलम हैगाँव में ट्रैक्टर परिचालनकहे बाइक चलाती हम है
जब आँख से आँख मिलाई होगी,वो यूं ही मुस्कुराई होगीवजह न समझ आयी होगी,तुझमे जीने की वजह पायी होगीजब-जब मुश्किलात आयी होगी,तब-तब मौजूद पायी होगीसात-समुंदर ...पार आयी होगी,वो मां-माशूका-हमशीरा कहलायी होगी! -
जब आँख से आँख मिलाई होगी,वो यूं ही मुस्कुराई होगीवजह न समझ आयी होगी,तुझमे जीने की वजह पायी होगीजब-जब मुश्किलात आयी होगी,तब-तब मौजूद पायी होगीसात-समुंदर ...पार आयी होगी,वो मां-माशूका-हमशीरा कहलायी होगी!
You need excitement of a child to live everyday,&selfishness of an adult to die everyday. -
You need excitement of a child to live everyday,&selfishness of an adult to die everyday.
तेरी अदा को जी भर के जिया कभी हुआ फ़िदा कभी हुआ जुदाख़ैरियत की फ़िक्र हमको भी थीपूछ ना सका यह रह गया गिलाखुदा ही जाने क्या हो उसकी रज़ामिला भी तू और मिल नहीं सकाआँखे मिलती रहे और थोड़ी हो लजाबस इतना सा ही चाहता था मैं समाँ -
तेरी अदा को जी भर के जिया कभी हुआ फ़िदा कभी हुआ जुदाख़ैरियत की फ़िक्र हमको भी थीपूछ ना सका यह रह गया गिलाखुदा ही जाने क्या हो उसकी रज़ामिला भी तू और मिल नहीं सकाआँखे मिलती रहे और थोड़ी हो लजाबस इतना सा ही चाहता था मैं समाँ
रास्ते भी खामोशी में बताते है,उस पर किस तरह के लोग गुज़रे थे।The road also tells in silence,what kind of people had passed on it. -
रास्ते भी खामोशी में बताते है,उस पर किस तरह के लोग गुज़रे थे।The road also tells in silence,what kind of people had passed on it.
लोग पौष पूर्णिमा के चंद्र से ज्यादा तुमको दीदार करेहो पसंद बड़ी तुम लोगो को,हर कोई इक़रार करेकमी ना रहे किसी अंश की रोशन रहे तुम्हारा नाम चाँद की शीतलता कम ना हो,दुआ सूरज हर बार करे। -
लोग पौष पूर्णिमा के चंद्र से ज्यादा तुमको दीदार करेहो पसंद बड़ी तुम लोगो को,हर कोई इक़रार करेकमी ना रहे किसी अंश की रोशन रहे तुम्हारा नाम चाँद की शीतलता कम ना हो,दुआ सूरज हर बार करे।
There are thousands of reasons to stop,There should be no reason to keep moving on. -
There are thousands of reasons to stop,There should be no reason to keep moving on.
ए सुन ले मेरे यारामें हु तो बंजाराना जाने कब तुम्हाराअब मिलना हो दोबाराकुछ भी जो रहा यहाँ सब था तोह हमाराहाज़िर हुआ जहाँकही भी हो पुकारादेखूं तेरी आँख सेफिर वो हसीं नज़ाराकिसकी दुआ से मिले कैसा हुआ था क़ज़ाराकुछ बिगड़े हो सहीतूने आकर निखारामुश्किल हो कितनी हीकभी न किया किनाराज़ेहन में है सब कुछकहते हो चुका बिसारातेरे बिन क्या कहूंमें जैसे बे-सहारा -
ए सुन ले मेरे यारामें हु तो बंजाराना जाने कब तुम्हाराअब मिलना हो दोबाराकुछ भी जो रहा यहाँ सब था तोह हमाराहाज़िर हुआ जहाँकही भी हो पुकारादेखूं तेरी आँख सेफिर वो हसीं नज़ाराकिसकी दुआ से मिले कैसा हुआ था क़ज़ाराकुछ बिगड़े हो सहीतूने आकर निखारामुश्किल हो कितनी हीकभी न किया किनाराज़ेहन में है सब कुछकहते हो चुका बिसारातेरे बिन क्या कहूंमें जैसे बे-सहारा