मोहब्बत इंसान को बहुतकमजोर बना देती है,किसी से मोहब्बत मत करना,खामाखा सारी जिंदगीअपनी ही नज़रों मेंखुद शर्मिंदा होते रहोगे।। -
मोहब्बत इंसान को बहुतकमजोर बना देती है,किसी से मोहब्बत मत करना,खामाखा सारी जिंदगीअपनी ही नज़रों मेंखुद शर्मिंदा होते रहोगे।।
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एक न एक दिन हासिल कर ही लूंगा , मंजिलठोकरे तो नहीं जो जहर खाकर मर जाऊंगा. -
एक न एक दिन हासिल कर ही लूंगा , मंजिलठोकरे तो नहीं जो जहर खाकर मर जाऊंगा.
हम झूठो के बीच मे सच बोल बैठे वो नमक का शहर था और हम जख्म खोल बैठे -
हम झूठो के बीच मे सच बोल बैठे वो नमक का शहर था और हम जख्म खोल बैठे
तेरे नाम के धागे भी खोल दिए हैं हमने...बन्धनो में इश्क़ अच्छा नहीं लगता हमें..!!! -
तेरे नाम के धागे भी खोल दिए हैं हमने...बन्धनो में इश्क़ अच्छा नहीं लगता हमें..!!!
दिल क़ी धड़कनों मै अचानक ये इज़ाफ़ा कैसा,,,उनके होंठों पे कहीं नाम हमारा तो नहीं... -
दिल क़ी धड़कनों मै अचानक ये इज़ाफ़ा कैसा,,,उनके होंठों पे कहीं नाम हमारा तो नहीं...
मुझ से तो खुशनसीब हैं,मेरे लिखे हुए ये लफ्ज़...जिनको कुछ देर तक,पढ़ती तो है निगाहें आपकी...!!! -
मुझ से तो खुशनसीब हैं,मेरे लिखे हुए ये लफ्ज़...जिनको कुछ देर तक,पढ़ती तो है निगाहें आपकी...!!!
अगर कही मिल जाऊँ तो हमे देख मुह फेर लेना 🖤✨कही तेरे मासूम चेहरे से मुझे दुबारा मोहब्बत न हो जाये ❤️🤞 -
अगर कही मिल जाऊँ तो हमे देख मुह फेर लेना 🖤✨कही तेरे मासूम चेहरे से मुझे दुबारा मोहब्बत न हो जाये ❤️🤞
खड़ा था वो कहा मुझे पता नहीं था...मैं रास्ते में कहीं भी रुका ही नहीं था...हवाएं इतनी तेज़ चल रहीं थीं वहाँ...के मेरी आँखों से कुछ दिखा ही नहीं था...कहां जाता कहां ढूढ़ता मैं उसे तुम बताओ..मेरे पास उसका कोई पता ही नहीं था... दर्द ग़म की आग में जलकर खाक हुआ...उसकी आँखों को कुछ दिखा ही नहीं था...उसके साथ देखें हुए ख़्वाब बहूत हसीं थे...मगर क्या करें वो मेरा हुआ ही नहीं था || -
खड़ा था वो कहा मुझे पता नहीं था...मैं रास्ते में कहीं भी रुका ही नहीं था...हवाएं इतनी तेज़ चल रहीं थीं वहाँ...के मेरी आँखों से कुछ दिखा ही नहीं था...कहां जाता कहां ढूढ़ता मैं उसे तुम बताओ..मेरे पास उसका कोई पता ही नहीं था... दर्द ग़म की आग में जलकर खाक हुआ...उसकी आँखों को कुछ दिखा ही नहीं था...उसके साथ देखें हुए ख़्वाब बहूत हसीं थे...मगर क्या करें वो मेरा हुआ ही नहीं था ||
जहाँ रखा था सूखने को तुमने दुपट्टा अपना,वो नीम की डाली आज शहद जैसी मीठी हो गयी...... -
जहाँ रखा था सूखने को तुमने दुपट्टा अपना,वो नीम की डाली आज शहद जैसी मीठी हो गयी......