जीवन का सबसे बड़ा पुरस्कार है, किसी की यादों में रह जाना ।।
-
ये हवाएँ ये उदासी हर बार तो खींच लाती है तुम्हारी ओर... ना जाने क्यों, मौसम की बारिश से पहले ही मन बरस जाता है.. शायद नहीं चाहता कि, मुझमें समाया तुम्हारा ये अक्स..कहीं फिर से मेरी इन आँखों में ठहर जाये ...क्योंकि एक तुम ही तो हो जहा मैं हरपल छूट सा जाता हूँ । आँखों से बहती ये नमकीन बूदें तुम्हारी यादों को और मीठा बना देती हैं ..पता है तुम्हारी खुशबुओं के बीच मन आज भी कभी कभी मुस्कुरा उठता है क्योंकि मन के किसी कोने में तुम्हारी यादों का संसार आज भी वैसा ही है..काश कि तुम आज भी साथ होते ।।
-
प्रेम और आँसू की पहचान
भले ही अलग अलग हो,
लेकिन दोनों का गोत्र एक ही है
"हृदय"-
कबीरा मन बैरागी भयो, नित जपता मन राम ।
नाथ कुटुंब सब छूट गयो, बस एक सहारा राम।।
छोड़ सराय जोगी चला, छोटा सुरा का मोह ।
सुरा पिया जो राम नाम को, जोगी भया मदहोश।।-
खोज मुसाफिर खोज रे, जिंन खोजा तिन पाइया ।
बाहर मिलै कछु नाहीं, घट भीतर तेरा साईंया ।।-
जल में बसे कमोदिनी, चंदा बसे आकाश ।
जो है जा को भावता, सो ताहि के पास ।।-
कोई तन दुखी कोई मन दुखी कोई धन बिन रहत उदास.....
थोड़े थोड़े सब दुखी सुखी राम का दास ।।-