Tn Sabiri  
0 Followers · 1 Following

Joined 17 February 2022


Joined 17 February 2022
30 MAR 2022 AT 16:45

वो ग़मो को यूं हवा देते हैं
हम ख़ुशी को भी भुला देते हैं
जोड़ने की दिलों की ख्वाहिश में
हम ग़मो को भी भुला देते हैं
कम नहीं वो खुदा से भी यारो
जो के बिछड़ो को मिला देते हैं
ज़ात मज़हब की सियासत में ही
वो हमें खूब लड़ा देते हैं...

-


24 MAR 2022 AT 9:52

पछतावा अतीत नही बदल सकता,
और चिंता भविष्य नहीं
संवार सकती
इसलिए वर्तमान का आनंद लेना ही
जीवन का सच्चा सुख है...

-


20 MAR 2022 AT 21:45

ख्वाबों के पीछे
जिन्दगी इतनी उलझा ली
की हकीकत में रहने का
सलीका ही भूल गए...

-


8 MAR 2022 AT 23:08

मेरे भीतर का
पुरुष इंसान होता है
रूह
जब उसकी इक
स्त्री होती है...

-


8 MAR 2022 AT 22:36

जैसे जैसे लड़की बड़ी होती है
उसके सामने दीवार खड़ी होती है
क्रांतिकारी कहते हैं
कि दीवार तोड़ देनी चाहिए...
पर लड़की है समझदार और संवेदनशील,
वह दीवार पर लगाती है खूँटियाँ
पढ़ाई लिखाई और रोज़गार की...
और एक दिन
धीरे से
उन पर पाँव धरती दीवार की
दूसरी तरफ़ पहुँच जाती है...

-


8 MAR 2022 AT 22:14

क्या करेगी वो जानकर अपने अधिकार
जबकि उसे बखूबी पता है
जरा सी आवाज ऊँची करते ही
रिश्ते टूट जायेंगें
परिवार बिखर जायेगा
माँ बीमार हो जायेगी
बाबा चुप्पी ओढ लेगें
भाई आँखें चुराने लगेगा
रिश्तेदार मुँह मोड लेगे
मुहल्ले में कानाफूसी शुरू हो जायेगी
समाज आँखें दिखाने लगेगा...

-


28 FEB 2022 AT 15:40

मिलना था इत्तिफ़ाक़
बिछड़ना नसीब था
वो उतनी दूर हो गया जितना क़रीब था
मैं उस को देखने को तरसता ही रह गया
जिस शख़्स की हथेली पे मेरा नसीब था
बस्ती के सारे लोग ही आतिश-परस्त थे
घर जल रहा था और समुंदर क़रीब था...

-


27 FEB 2022 AT 12:39

मौत के डर से नाहक़ परेशान हैं
आप ज़िंदा कहाँ हैं जो मर जायेंगे...

-


27 FEB 2022 AT 11:18

मैं ने देखा है जो मर्दों की तरह रहते थे
मसख़रे बन गए दरबार में रहने के लिए

ऐसी मजबूरी नहीं है कि चलूं पैदल
मैं ख़ुद को गरमाता हूं रफ़्तार में रहने के लिए...

-


25 FEB 2022 AT 12:29

तेरी दुनिया में नहीं रहता था
फिर भी मैं तुझमें कहीं रहता था,

चांद तारे थे तिरी ज़ुल्फों में
मैं भी बादल सा वहीं रहता था,

ये जो वीरान सी आंखें हैं तेरी
मैं बहोत पहले यहीं रहता था...

-


Fetching Tn Sabiri Quotes