सोचो अभी तो तुम्हें ठीक से जाना भी नहीं तो ये हाल है...
सोचो अगर तुम्हें ठीक से जान लिया तो क्या हाल होगा...
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यूं तो सबको खुश दिखते हैं
आंसू पलकों पर अब कब टिकते हैं
पर तब भी याद आ जाते हो पापा
हमको इतना क्यों रुलाते हो पापा
जब हम लड़ते थे, तुम चुप रहते थे,
मेरी बिटिया बिटिया तुम कहते थे,
तुम डांट देते थे, हम रो देते थे
फिर से डांट लगाओ ना पापा
वापस घर आ जाओ ना पापा
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किसी से ईश्क नहीं,
बस किसी से हुए ईश्क का दर्द है..
वैसे तो बहुत खुश हूं जिन्दगी में,
पर कोई हाल पूछता नहीं बस ये दर्द है..-
खुद को इतना नायाब भी मत बनाना
कि लोग खुद को मामूली समझकर खुद ही तुमसे दूर हो जायें...-
कह देते हो तुम भी, कह देते हैं हम भी,
वो जो नहीं कहनी होती है बात,
नहीं कहते हो तुम भी, नहीं कहते हम भी,
वो जो कहनी जरूरी हो बात..-
एक उम्र गुजारी है तेरे इन्तज़ार में,
अब चाहत ही नहीं किसी से प्यार मिले...-
उसने "कल" मिलने का वादा किया था,
"आज तक" उस "कल" के इन्तज़ार में हूँ..-
चाय की तलब जैसा तुम्हारा इश्क...
पी लूँ तो आदत बुरी, बिन पिये तो मर जाऊँ...-
तुम्हारे बिन जी के देखा है..
तुम्हारे बिना भी जी सकते हैं हम...-