इतने दिनों से इंतजार था उनका,
कि कब आएंगे दोबारा
माँ के गले लगाए
सालो बीत चुके हैं,
बाबा का अकेले
मन नहीं लगता,
नई नवेली दुल्हन की
आँखे तरस सी गई है,
और बिटिया ने तो
देखा ही नहीं था,
इन्तज़ार था उस माँ को,
उस दुल्हन को,
और गुड़िया को कि पापा
आते ही होंगे,
और आज वो घड़ी आ गई,
पर खबर नहीं थी कि आएंगे
जरूर, पर इस तिरंगे में
में लिपट कर-
सुख और दुःख का समय चक्र बराबर ही होता है परंतु आपको सुख कम और दुःख ज्यादा इसलिए लगता है क्योंकि आप सुख की घड़ियों को गिनते ही नहीं है, और दुःख की हर घड़ी को गिनते है
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शब्दों की लंबाई उन्के भाव नहीं बताती,अकसर छोटे शब्द ही दिल को छू जाते है जनाब
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Love is the hidden
character of person,
which tell that
either person is
kind or cruel.-
मन से उदास,
दिल में दर्द,
लफ्ज़ में ख़ामोशी,
अंदर से टूटा,
बाहर से सख्त,
फिर भी चेहरे पर मुस्कान-
बड़ी सिस्टर माँ की परछाई की तरह होती है, वक़्त पर साथ खड़ी होकर ढाल बनती है और गलतियों पर कान भी खींचती है
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माँ की रोटी
•माँ की रोटी वो है जिसे तू खाता नहीं था
•माँ की रोटी के ज़रा सा जल जाने पर चिल्लाता था
•माँ की ही रोटी से भूख मिटाता भी था
•अरे मूर्ख माँ की रोटी का स्वाद भी न चख कर समझ पाया कि माँ की इस रोटी मे ममता के धान है
•माँ की रोटी को जिस तरह से धिक्कारा था, देखना तरस जाएगा एक दिन ऐसा कि हर निवाले में माँ की इसी रोटी का टुकड़ा ढूंढेगा
•और अब कभी इस टुकड़े को नहीं पाएगा, क्योंकि इस अनमोल रोटी का अपमान विधाता नहीं सहन कर पाया और उसने खुद चखने के लिए इस रोटी को माँ को ही बुला लिया-
माँ का आँचल
•जो इस ब्रह्माण्ड को ढकने की क्षमता रखता हैं, वो है माँ का छोटा सा आँचल
•जो एक ऐसी जगह है जहां आप सबसे पहले सोए थे
•माँ की ममता समाहित है जिसने वो हैं माँ का आँचल
•आप कितने भी बड़े क्यों न हो जाए हमेशा इस आँचल में समा जाएंगे
•आपके हर आँसू का हिसाब रखता है
•माँ का आँचल पकड़ के ही तो बड़ा हुआ है तू
•भूल कैसे गए उस ममता के आँचल की छाँव को
•जाओ फिर से अपना लेगा, आखिर माँ का आँचल ही तो है-