माना फिलहाल ज़िन्दगी की रफ्तार थोडी खस्ता है,
जेब थोडा सस्ता और गैरजिम्मेदारी का बस्ता है,
फिर भी यह दिल बिना नापतोल हस्ता है,
आयेंगे वोह दिन भी जब पोहचेगे सपने हकीकत की दहलीज़ों पे,
उचाई की सीढियों का रास्ता बेमतलब थोड़ी आंखो मे बसता है,
बाहों में भर जब गले लगेगे कामयाबी के हौसलों को, सोने के पर्दो को,
मेहलो के चर्चो को,
फिर भी याद बहोत आएगा ये सितारों में बिताया थोडा वक़्त,
जब.... जेब थोडा सस्ता और गैरजिम्मेदारी का बस्ता है,
फिर भी यह दिल बिना नापतोल हस्ता है।
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